Video : RSS chief Mohan Bhagwat said in Bhilwara - disciple can stay two steps ahead of his guru
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भोपाल: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को यहां ठेंगड़ी भवन में आरएसएस के मध्य भारत और मालवा प्रांतों के कुछ पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संवाद शुरू किया। आरएसएस के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि यह संवाद मुख्य रूप से कोरोना वायरस महामारी के संकट काल में संघ द्वारा किये जा रहे कल्याण कार्यों पर केन्द्रित है।

पदाधिकारी ने बताया कि वह संघ के मध्य भारत और मालवा प्रांतों द्वारा किये जा रहे कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा भी करेंगे। उन्होंने कहा कि भागवत इन दोनों प्रांतों के कुछ पदाधिकारियों से बैठक कर रहे हैं और इसमें कोरोना वायरस के लिए बने प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। उम्मीद है कि यह बैठक आज शाम सात बजे तक चलेगी। पदाधिकारी ने बताया कि इस बैठक में आरएसएस के मध्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इन दो प्रांतों में किये जाने वाले सामाजिक कार्यों पर भी चर्चा होगी।

आरएसएस पदाधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण एक जगह इकट्ठा नहीं होने के चलते संघ आजकल शाखा नहीं लगा रहा है। उन्होंने कहा कि भागवत शनिवार देर रात को भोपाल पहुंचे थे और सोमवार को वह यहां से रवाना हो जाएंगे। संघ के अंदरूनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरएसएस सरसंघचालक ने कोरोना वायरस महामारी के कारण कुछ समय के लिए विराम करने के बाद अपना दौरा फिर से शुरू कर दिया है और इस दौरान वह कोविड-19 के लिए बनाये गये प्रोटोकॉल का पालन करते हुए छोटी-छोटी बैठकें करेंगे। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि भागवत जल्द ही संघ के मध्य क्षेत्र के दो अन्य प्रांतों महाकौशल (मध्य प्रदेश में) और छत्तीसगढ प्रांत की रायपुर में संघ के वहां के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संवाद करेंगे।

आरएसएस पदाधिकारी ने बताया कि समूचे देश में संघ के 11 क्षेत्र हैं। पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने से कुछ दिन पहले भागवत ने भोपाल में संघ के बड़े पदाधिकारियों के साथ चार दिवसीय अनौपचारिक बैठक की अध्यक्षता की थी। इस बैठक में कोरोना वायरस प्रोटोकॉल का पालन करते हुए राम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए उठाये जाने वाले कदमों एवं चीन के साथ चल रहे गतिरोध पर चर्चा हुई थी। इसके अलावा, इस बैठक में चीन के विस्तारवाद का मुकाबला करने के लिए स्वदेशी आंदोलन को मजबूत करने पर भी विचार किया गया था।(एजेंसी)