Congress will send 11 bricks of silver for construction of Ram temple: Kamal Nath
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भोपाल. कांग्रेस के एक विधायक के भाजपा (BJP) में शामिल होने के एक दिन बाद सोमवार को मध्यप्रदेश कांग्रेस (Madhya Pradesh Congress) के अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) ने भगवा दल पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा उपचुनावों (Assembly by-election) के परिणामों से डर कर भाजपा उनके (कांग्रेस) विधायकों के साथ सौदेबाजी कर रही है। रविवार को दमोह से कांग्रेस के विधायक राहुल लोधी विधानसभा से त्यागपत्र देने के बाद भाजपा में शामिल हो गये।

मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के तहत तीन नवंबर को मतदान तथा 10 नवंबर को मतगणना होगी। कमलनाथ ने कहा कि उपचुनाव के आने वाले परिणामों की चिंता भाजपा को हो रही है और वह इससे डर रही है।

उन्होंन कहा, “ये (भाजपा) इतने निराश हैं। ये भी जानते हैं कि जमीन क्या है, इसलिये तो ये सब कर रहे हैं। नहीं तो इनको आवश्यकता क्या है। अगर ये सोचते हैं कि इनकी 15 सीटें आ रही हैं तो इनको जरुरत किस बात की है।”

उन्होंने भाजपा पर कांग्रेस विधायकों से सौदेबाजी करने का आरोप लगाते हुए कहा, “ये बाजार में चल पड़े हैं जो मिल जाये उसे खरीद लो। सौदेबाजी की राजनीति ही उपाय रह गया है। मुझे इस बात का दुख है कि चुनाव प्रजातंत्र का उत्सव होता है पर ये जो उत्सव है सौदेबाजी का है, बिकाऊ का उत्सव है।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “मुझे कई विधायकों (कांग्रेस) के फोन आये हैं कि बीजेपी उनको फोन कर रही है, इतना ऑफर दे रहे हैं।” उन्होंने कहा कि मार्च में मैं भी सौदेबाजी कर सकता था लेकिन मैं इस प्रकार की राजनीति में विश्वास नहीं रखता। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का मतदाता बहुत सरल व सीधा है लेकिन राजनीतिक रुप से बहुत जागरुक है और वह सब समझ रहा है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उपचुनाव में निचले स्तर के पुलिस सहित अन्य सरकारी कर्मचारियों पर भाजपा के पक्ष में काम करने का दबाव डाला जा रहा है। इसकी शिकायत करते हुए उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। मार्च से अब तक कांग्रेस के 25 विधायक त्यागपत्र देने के बाद भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

कमलनाथ के आरोप पर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अपनी पार्टी का प्रबंधन करने में सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा, “इतने सारे विधायक व अन्य नेता कमलनाथ के नेतृत्व व कांग्रेस को छोड़ चुके हैं। यह कमलनाथ के नेतृत्व पर भी सवालिया निशान लगाता है। उन्हें भाजपा के खिलाफ आधारहीन टिप्पणी नहीं करना चाहिये।” (एजेंसी)