Congress will send 11 bricks of silver for construction of Ram temple: Kamal Nath
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    भोपाल. मध्य प्रदेश कांग्रेस (Madhya Pradesh Congress) अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) के खिलाफ प्रदेश के उज्जैन में शनिवार को दिए गये कोविड-19 संबंधी विवादित बयान (COVID-19 Controversial Statement) पर भोपाल की अपराध शाखा थाने में मामला दर्ज होने के एक दिन बाद कांग्रेस उनके बचाव में उतर आई है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने यहां सोमवार को डिजिटल माध्यम के जरिए संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘शिवराज सिंह चौहान की प्रदेश सरकार ने कोरोना के ‘इंडियन वैरियंट’ शब्द का इस्तेमाल करने पर कमलनाथ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है। क्या इसी प्रकार केन्द्रीय कानून मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री पर भी (मुख्यमंत्री) शिवराज प्राथमिकी दर्ज करवाएगें, क्योंकि उन्होंने इस साल नौ मई को उच्चतम न्यायालय में दिए शपथ पत्र में ‘इंडियन डबल म्यूटेंट स्ट्रेन’ शब्द का उपयोग किया है।”

    उन्होंने कहा कि इस शब्द को न केवल विदेश मीडिया ने बल्कि देश की मीडिया ने भी इस्तेमाल किया है और पूरे देश में इस ‘इंडियन डबल म्यूटैंट स्ट्रेन’ की बात हो रही है। पटवारी ने कहा कि कमलनाथ ने देश की कोविड-19 से हो रही भयावह स्थिति को देखते हुए चिंता जाहिर करते हुए कोरोना वायरस संबंधी बयान दिया था और देशभक्त होने के नाते चिंता वाजिब है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाकर भाजपा सरकार प्रदेश में कोरोना से हुई मौतों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है।

    गौरतलब है कि कमलनाथ ने शुक्रवार को भोपाल में डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि विश्व में भारतीय ‘‘कोरोना का पर्याय” बन गए है और ‘मेरा भारत महान छोड़िए, मेरा भारत कोविड का बन गया’। इसलिए अब विदेशी लोग भारतीयों से डर रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा था कि कोविड-19 से होने वाली मौतों के बनावटी आंकड़ों को पेश कर भारत पूरे विश्व को धोखा दे रहा है और दावा किया था कि मध्य प्रदेश में इस साल मार्च-अप्रैल में कोविड-19 से 1,02,002 लोग मरे हैं।

    इसके एक दिन बाद शनिवार को कमलनाथ ने उज्जैन में प्रेस वार्ता में कहा था कि दुनिया में जो कोरोना फैला हुआ है, अब उसे ‘इंडियन वैरियेन्ट कोरोना’ के नाम से जाना जा रहा है और इसके बाद रविवार को उनके खिलाफ इस मामले में भाजपा नेताओं की शिकायत पर भादंसं की धारा 188 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 54 के तहत भोपाल की अपराध शाखा थाने में मामला दर्ज किया गया।

    कमलनाथ मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। पटवारी ने दावा किया कि इन मौतों से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान डरे एवं सहमे हुए हैं और अपने पापों को छिपाने के लिए उनकी सरकार कोरोना से मरने वालों के गलत आंकड़े बता रही है। इस अवसर पर मौजूद मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक पी सी शर्मा ने मांग की कि कमलनाथ के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी खारिज की जाये। उन्होंने कहा कि जो मौत के आंकड़े कमलनाथ ने पेश किये हैं, वे आंकड़े ‘‘ प्रदेश के मुक्तिधामों एवं कब्रिस्तानों से सील लगा कर दिए गए हैं।”

    शर्मा ने कहा कि कांग्रेस एक बार फिर प्रदेश में कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के आंकड़े इकट्ठा करेगी, ताकि राज्य सरकार द्वारा उनके परिजनों के लिए घोषित की गई योजनाओं का लाभ उनको भी मिल सके जो सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नीत शिवराज सरकार ब्लैक फंगस के इंजेक्शन न मिलने से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है और इसलिए कांग्रेस नेता पर मामला दर्ज किया है।

    मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की ओर से रविवार को जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में अब तक कोविड-19 की बीमारी से मरने वालों की संख्या 7,558 है। मध्य प्रदेश सरकार ने कमलनाथ के दावे को भ्रम फैलाने वाला और झूठ करार दिया है। (एजेंसी)