Tulsi Silawat
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इन्दौर. उत्तर प्रदेश में कथित पुलिस मुठभेड़ में शुक्रवार को मारे गये कुख्यात अपराधी विकास दुबे को लेकर मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया। इस वीडियो में सिलावट, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कथित तौर पर ‘‘समाज के लिये कलंक” कहते सुनाई पड़ रहे हैं।

हालांकि, मंत्री ने यह वीडियो वायरल होने के बाद विपक्षी कांग्रेस द्वारा इसे तोड़-मरोड़ कर सोशल मीडिया पर प्रसारित किये जाने का आरोप लगाया और कहा, ‘‘यह कांग्रेस की करतूत है और मैं इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करुंगा।” कुख्यात अपराधी विकास दुबे की बृहस्पतिवार को उज्जैन में गिरफ्तारी और आज कानपुर के पास कथित पुलिस मुठभेड़ में उसकी मौत को लेकर पूछे गए सवाल पर सिलावट उक्त वीडियो में स्थानीय संवाददाताओं से कहते सुनाई पड़ रहे हैं, ‘‘देश के प्रधानमंत्री, मध्यप्रदेश के ओजस्वी मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, ऐसे लोग समाज के लिये कलंक हैं।

यह सरकार की जिम्मेदारी है कि ऐसे लोगों के साथ क्या करना है और जो घटना घटी है, यह हमारे समाज के लिये प्रेरणा भी है कि ऐसे लोगों को, जो भी यह कृत्य करे, उन्हें उसकी सजा मिलना चाहिये।” हालांकि, यह वीडियो प्रसारित होने के साथ ही मचे बवाल के बाद सिलावट ने मीडिया को सफाई देते हए आरोप लगाया कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर प्रसारित कराया है और वह इस सिलसिले में कड़ी कानूनी कार्रवाई करेंगे।

सिलावट ने अपने नये बयान में स्पष्ट करते हुए कहा, “अपराधी विकास दुबे समाज के लिये कलंक था और उसके खिलाफ जो कार्रवाई की गयी, इसके लिये मैंने प्रधानमंत्री, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया था। लेकिन कांग्रेस द्वारा मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर सोशल मीडिया पर प्रसारित करने की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करुंगा।”

गौरतलब है कि मंत्री तुलसीराम सिलावट मार्च माह में ही कांग्रेस विधायक पद से त्यागपत्र देने के बाद अपने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए हैं। कथित पुलिस मुठभेड़ में विकास दुबे की मौत के ही मामले में इंदौर में एक और विवादास्पद बयान सामने आया। इस मामले में भाजपा के इन्दौर से लोकसभा सांसद शंकर लालवानी से जब मीडिया ने प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने उसे ‘‘दुबे जी‘‘ कहकर संबोधित किया। इसके लिये भाजपा सांसद की आलोचना भी हुई। हालांकि, लालवानी ने दावा किया कि वह उस संतोष दुबे नामक व्यक्ति को ‘‘दुबे जी” कह रहे थे जो मीडिया को बयान देते वक्त उनके पास खड़ा था। लालवानी ने अपनी सफाई में कहा, ‘‘मेरी विकास दुबे से कोई सहानुभूति नहीं है। जिस व्यक्ति ने बहादुर पुलिस वालों को जान से मारा है, ऐसे लोगों के साथ जो बर्ताव हुआ, उसे समाज ठीक मानता है।” (एजेंसी)