'Free Fire' game suicide case: Madhya Pradesh government files F.I.R against online game company

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    भोपाल: ऑनलाइन गेम में 40,000 रुपए गंवाने के बाद 13 वर्षीय एक लड़के द्वारा आत्महत्या करने की घटना के दो दिन बाद मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को कहा कि इस संबंध में उक्त गेम बनाने वाली कंपनी के खिलाफ राज्य पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

    मिश्रा ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘छतरपुर में ऑनलाइन गेम “फ्री फायर” के कारण बच्चे की जान जाने की घटना दुखद है। इस मामले में पुलिस ने कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।”

    उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे बच्चों को गेम की लत लगाने वाली और इसके माध्यम से उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने वाली कंपनियों को कानून के दायरे में लाकार प्रतिबंधित करने के तरीके खोजें।”

    मिश्रा ने बताया, “मैंने विधि विभाग के अफसरों से भी इसपर सलाह मांगी है और उनकी राय आने के बाद ऐसी कंपनियों को कानून के दायरे में लाकर कठोर कार्रवाई की जाएगी।”  

    सी बीच, छतरपुर जिले के सिविल लाइंस पुलिस थाना प्रभारी राजेश बंजारे ने सोमवार को बताया कि जिस कंपनी ने इस “फ्री फायर” गेम को बनाया है उसके खिलाफ भादंवि की धारा 305 (शिशु या उन्मत्त व्यक्ति की आत्महत्या का दुष्प्रेरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और इस मामले में इस 40,000 रुपए के ट्रांजेक्शन का पता लगाने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ की मदद ली जा रही है।

    मालूम हो कि राज्य के छतरपुर में ऑनलाइन गेम में 40,000 रुपए हारने के बाद मां से डांट पड़ने पर छठवीं कक्षा के छात्र ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसने मां के खाते से 40,000 रुपए निकाले और इस पैसे को ‘‘फ्री फायर” गेम में बर्बाद कर दिया। छात्र ने अपनी मां से माफी मांगते हुए लिखा है कि अवसाद के कारण वह आत्महत्या कर रहा है।

    इससे पहले, जनवरी माह में मध्यप्रदेश के सागर जिले के ढाना कस्बे में चौथी कक्षा में पढ़ने वाले 12 वर्षीय एक छात्र को ‘‘फ्री फायर” गेम की लत थी और जब उसकी इस लत को छुड़ाने के लिए उसके पिता ने उसका मोबाइल फोन छीन कर उसे दोबारा नहीं दिया, तो उसने कथित तौर पर फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी।  (एजेंसी)