GIRISH-GAUTAM

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    भोपाल. रीवा (Rewa) जिले के देवतालाब सीट के वरिष्ठ भाजपा विधायक गिरीश गौतम (Girish Gautam) (67) ने रविवार को मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh) के अध्यक्ष पद के लिए यहां अपना नामांकन दाखिल कर दिया है और भाजपा के सदस्यों की संख्या बल के आधार पर उनका नया अध्यक्ष बनना लगभग तय है। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू होगा और इसमें विधानसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव होगा। 230 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के 126 विधायक हैं। इसलिए यदि चुनाव भी होते हैं, तो बहुमत का आंकड़ा गौतम के पक्ष में है।

    हालांकि, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अब तक विधानसभा अध्यक्ष पद पर अपना उम्मीदवार खड़ा करने के बारे में अंतिम फैसला नहीं लिया है। यदि विपक्ष इस पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करता है तो मंगलवार को इस पद के लिए चुनाव होगा। अन्यथा गौतम निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे। लगातार चौथी बार विधायक बनने वाले गौतम के इस पद के लिए नामांकन भरने के बाद उनके साथ मौजूद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं को बताया, ‘‘भाजपा के वरिष्ठ एवं लोकप्रिय नेता गिरीश गौतम के हाथों में विधानसभा के संचालन का दायित्व होगा।

    वह मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष होंगे।” उन्होंने कहा, ‘‘उनका नामांकन अभी हमने दाखिल किया है।” चौहान ने बताया कि विन्ध्य मध्यप्रदेश का एक महत्वपूर्ण अंग है और विन्ध्य की जनता का हमें प्यार एवं आशीर्वाद भरपूर मिला है। इसलिए, अब वहीं से विधानसभा के अध्यक्ष भी होंगे।” उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि अपनी कर्मठता, निष्पक्षता और सबको साथ लेकर चलने की क्षमता और संसदीय ज्ञान के आधार पर गिरीश गौतम जी अध्यक्ष पद की गरिमा को निश्चित तौर पर और बढाएंगे और विधानसभा का सुचारू संचालन होगा। उनको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।” हालांकि, जब उनसे सवाल किया गया कि विधानसभा उपाध्यक्ष के नाम पर क्या कोई चर्चा हुई है, तो इस पर चौहान ने कहा, ‘‘अभी चर्चा करेंगे।”

    वर्तमान में भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा पिछले साल दो जुलाई से मध्यप्रदेश विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) हैं। वह पिछले साल मार्च में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने के बाद से सामयिक अध्यक्ष हैं। कोरोना वायरस की महामारी के कारण तब से विधानसभा के तीन सत्र स्थगित कर दिये गये थे, जिसके चलते स्थायी अध्यक्ष का निर्वाचन नहीं हो पाया है। इससे पहले प्रदेश भाजपा संगठन में हुई लंबी चर्चा के बाद रविवार सुबह उनके नाम पर अंतिम मुहर लगाई गई और इसके बाद गौतम मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने उनके निवास पहुंचे थे। अध्यक्ष पद का नामांकन भरने से बाद गिरीश गौतम ने कहा, ‘‘सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के विधानसभा में जो सदस्य हैं, उनको एक नजरिये से देखने की आवश्यकता है और मेरा यही प्रयास रहेगा। मैं विधानसभा में सभी सदस्यों के हितों की रक्षा करूंगा।”

    उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी, संगठन एवं मुख्यमंत्री चौहान ने मेरे ऊपर भरोसा जताया है और मैं इस पर खरा उतरने का भरसक प्रयास करूंगा।” विन्ध्य क्षेत्र के नेताओं के अनुसार रीवा जिला प्रदेश के विन्ध्य क्षेत्र में आता है। विन्ध्य क्षेत्र से मध्यप्रदेश सरकार में वर्तमान में केवल एक ही मंत्री है, जबकि 15 विधानसभा सीटों में से 14 सीटों पर भाजपा के विधायक हैं। इसलिए इस क्षेत्र की जनता एवं नेता विन्ध्य क्षेत्र से विधानसभा अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे थे, जो अब पूरी होने जा रही है। उन्होंने कहा कि 17 साल बाद विन्ध्य से विधानसभा अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस के कद्दावर नेता श्रीनिवास तिवारी 24 दिसंबर 1993 से 11 दिसंबर 2003 तक इस पद रह चुके हैं। इसी बीच, मध्यप्रदेश भाजपा सचिव एवं प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने  बताया, ‘‘गौतम पहली बार वर्ष 2003 में रीवा जिले की मनगवां सीट से विधायक बने थे। तब उन्होंने विन्ध्य क्षेत्र में कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी को हराया था।

    इसके बाद वह वर्ष 2008, 2013 एवं 2018 में देवतालाब से विधायक बने। इस प्रकार वह लगातार चौथी बार विधायक बने हैं।” उन्होंने कहा कि छात्रकाल से राजनीति में सक्रिय रहे गौतम एक जुझारू नेता हैं और उन्होंने किसानों एवं मजदूरों के हितों के लिए संघर्ष भी किया। मालूम हो कि 230 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के 126 विधायक हैं, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 96, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। वहीं, कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी द्वारा 25 अक्टूबर, 2020 को विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने से दमोह सीट खाली है। इसलिए सदन में भाजपा के सदस्यों की संख्या अधिक होने से गौतम का अध्यक्ष बनना लगभग तय है।