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इंदौर (मध्यप्रदेश). सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की चाल सोमवार को पूर्णिमा पर दुनिया भर के खगोल प्रेमियों को उपच्छाया चंद्रग्रहण का रोमांचक दृश्य दिखायेगी। हालांकि, इस खगोलीय घटना की चरम स्थिति भारत में निहारी नहीं जा सकेगी क्योंकि तब आकाश सूरज की रोशनी से जगमगा रहा होगा। उज्जैन की प्रतिष्ठित शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने भारतीय संदर्भ में की गयी कालगणना के मुताबिक रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि उपच्छाया चंद्रग्रहण की शुरुआत सोमवार दोपहर 12 बजकर 59 मिनट नौ सेकंड पर होगी और यह दोपहर तीन बजकर 12 मिनट नौ सेकंड पर अपने चरम पर पहुंच जाएगा। यह खगोलीय घटना शाम पांच बजकर 25 मिनट नौ सेकंड पर खत्म हो जाएगी। उपच्छाया चंद्रग्रहण उस समय लगता है, जब पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा चंद्रमा “पेनुम्ब्रा” (धरती की परछाई का हल्का भाग) से होकर गुजरता है।

इस समय चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी आंशिक तौर पर कटी प्रतीत होती है और ग्रहण को चंद्रमा पर पड़ने वाली धुंधली परछाई के रूप में देखा जा सकता है। उपच्छाया चंद्रग्रहण के वक्त पृथ्वीवासियों को पूर्णिमा का चंद्रमा पूरा तो दिखाई देता है, लेकिन उसकी चमक कहीं खोई-खोई नजर आती है।