नई दिल्ली: शिवसेना (Shivsena) ने बुधवार को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार पर कथित रूप से शराब का सेवन करने के बाद 12 लोगों की मौत पर जमकर निशाना साधा और कहा कि सरकार और पुलिस की लापरवाही के कारण ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं। शिवसेना (Shivsena) के मुखपत्र ‘सामना’ (Saamana) के संपादकीय में कहा गया है कि उज्जैन में एक ऐसी घटना हुई, जिसमें 14 मजदूरों की मौत हो गई।
उन्होंने कहा, “हमारे देश में शराब के कारण मौतों की खबरें आम हो गई हैं। यह इतना आम हो गया है कि सत्ताधारी सरकार, पुलिस और समाज इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लेने को तैयार नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “तीन महीने पहले, प्राचीन सांस्कृतिक शहर उज्जैन में, शराब पीने के बाद 14 मजदूरों की मौत की खबर ताज़ा ही थी कि एक बार फिर मध्य प्रदेश में जहरीली शराब के कारण 11 मौतों की खबर आई। ताजा घटना मुरैना की है।”
शिवसेना (Shivsena) ने सुझाव दिया कि ऐसी घटनाएं तभी रुकेंगी, जब नकली शराब बनाने वाले प्रतिष्ठानों को हटाया जाएगा। संपादकीय में कहा गया, “अगर हम मध्य प्रदेश में ही नहीं, बल्कि हर राज्य के हर गाँव में गरीबों को मरने से बचाना चाहते है तो खुलेआम अवैध शराब बनाने का उद्योग ख़त्म करना होगा, नहीं तो लोगों का मारना जारी रहेगा।”
पार्टी ने आरोप लगाया कि नकली शराब की बिक्री से पुलिस और आबकारी विभाग को संरक्षण मिलता है और जिसकी वजह से उज्जैन और मुरैना जैसी घटनाएं होती हैं। मध्य प्रदेश में शराब की त्रासदी में मंगलवार को 12 लोगों की मौत हो गई।
मामले के सिलसिले में सात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, इसकी सूचना मुरैना के पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया ने दी। सोमवार की रात, मुरैना में मानपुर और पहावली गाँवों के कई लोगों की मौत हो गई और कई अन्य संदिग्ध शराब के सेवन से बीमार पड़ गए।