Self Immolation, burn
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भोपाल/गुना. मध्यप्रदेश के गुना जिले के बमोरी पुलिस थाने उकावद गांव में उधार चुकता नहीं करने पर एक व्यक्ति ने आदिवासी समुदाय के 28 साल व्यक्ति विजय सहरिया को कथित तौर पर मिट्टी का तेल छिड़ककर जिंदा जला दिया जिससे उसकी मौत हो गयी।

पुलिस ने इसकी जानकारी दी। दूसरी ओर कांग्रेस ने दावा किया कि विजय सहरिया बंधुआ मजदूर था और केवल 5,000 रुपये की उधारी नहीं चुकाने पर दबंगों ने उसे मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला दिया। वहीं, इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस घटना की पूरी जांच कराई जाएगी तथा दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलेगी।

गुना जिले के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने रविवार को बताया कि उधारी नहीं चुकाने पर उकावद गांव के विजय सहरिया पर शुक्रवार रात को एक आरोपी ने कथित तौर पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दी। सिंह ने बताया कि इससे वह बुरी तरह से झुलस गया था, इसके बाद शनिवार को उपचार के दौरान गुना के जिला अस्पताल में उसकी मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि आरोपी की पहचान राधेश्याम लोधा के रूप में की गई है। उसके खिलाफ भादंवि की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। सिंह ने बताया कि आरोपी भी उकावद गांव का ही रहने वाला है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “गुना जिले में हुये इस अग्निकांड में सहरिया की मृत्यु अत्यंत वीभत्स एवं दर्दनाक है। मैं उन्हें हृदय से श्रद्धांजलि तथा उनके परिवार को सांत्वना देता हूँ। मैं पीड़ित परिवार से मिलने स्वयं सोमवार को उनके गांव जाऊँगा।” उन्होंने कहा, “घटना की पूरी जांच कराई जाएगी तथा दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलेगी।”

वहीं, मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा, “विजय सहरिया को गांव के दबंग व्यक्ति द्वारा मात्र 5,000 रूपये की उधारी नहीं चुकाने पर तीन वर्ष से बंधुआ मजदूर बनाए रखने और पैसे नहीं चुका पाने के विवाद में मिट्टी तेल डालकर जिंदा जला दिया गया।”

उन्होंने कहा, “कांग्रेस मांग करती है कि इस वीभत्स हत्या की घटना के दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो, पीड़ित परिवार की हर संभव आर्थिक मदद की जावे और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति रोकने के लिए सभी आवश्यक कड़े कदम उठाए जाएं।” इसी बीच, गुना जिले के कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने कहा कि मृतक के परिजनों को 8.5 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, प्रशासन मृतक के बच्चों की शिक्षा की भी व्यवस्था करेगा। (एजेंसी)