मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में बारिश (Rain) से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से 36 लोगों की मौत तटीय रायगढ़ जिले (Raigad District) में एक गांव के नजदीक भूस्खलन (Landslide) होने से हुई। वहीं, राज्य में लगातार भारी बारिश होने के साथ रत्नागिरी जिले में भूस्खलन होने के बाद 10 लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है, जबकि सतारा में भूस्खलन से करीब 08 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा मुंबई में ईमारत गिरने से 05 लोगों की मौत हो गई। राज्य में अब तक कुल 49 लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि कोंकण के पर्वतीय क्षेत्रों से निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार सुबह कोल्हापुर जिले में एक बस के एक नदी में बहने से ठीक पहले उस पर सवार 11 लोगों को बचा लिया गया। राज्य में लोगों को बारिश से कोई राहत मिलती नहीं नजर आ रही है क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने छह जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जो पहले से बारिश से सराबोर हैं।
आईएमडी ने “अत्यधिक भारी” बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है और एहतियाती उपायों की सिफारिश की है। अगले 24 घंटों के लिये तटीय कोंकण इलाके में रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के साथ ही पश्चिमी महाराष्ट्र के पुणे, सतारा और कोल्हापुर जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। बृहस्पतिवार शाम रायगढ़ जिले में महाड तहसील के तलाई गांव में भूस्खलन हुआ।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “भूस्खलन के स्थान से 36 शव बरामद किये गये हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) टीमों, स्थानीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्य जारी है।”
#UPDATE | A total of 44 people have lost their lives in two different incidents of landslide in Raigad district of Maharashtra. More than 25 people are still trapped under the debris: District Collector Nidhi Chaudhary
— ANI (@ANI) July 23, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने बारिश से जुड़ी घटनाओं में लोगों की मौत होने पर दुख जताया है। इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने भूस्खलन में मरने वाले लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की शुक्रवार को घोषणा की। मुख्यमंत्री कार्यालय से यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जनहानि पर दुख प्रकट करते हुए वित्तीय सहायता की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “महाराष्ट्र के रायगढ़ में भूस्खलन से हुई जनहानि से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारी बारिश के चलते महाराष्ट्र में उपजी स्थिति की करीबी निगरानी की जा रही है और प्रभावितों को सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।”
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने रायगढ़ में भूस्खलन से अपनी जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। घायलों को 50,000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी भूस्खलन की घटना पर शोक जताया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में अतिवृष्टि और भूस्खलन के कारण हुई जान-माल की क्षति का समाचार पा कर व्यथित हूं। शोक संतप्त प्रभावित परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं।” इसबीच, शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से शुक्रवार को बात की और रायगढ़ में भारी बारिश एवं भूस्खलन के बाद उत्पन्न स्थिति की जानकारी ली।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि बारिश से प्रभावित कोंकण के पहाड़ी एवं भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और रायगढ़ जिले में लोगों की मृत्यु पर उन्होंने दुख जताया। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक उन्होंने बचाव प्रक्रिया में लोगों से स्थानीय प्रशासन का सहयोग करने की अपील की। ठाकरे ने लोगों से कहा कि राज्य के कई इलाकों में अगले दो दिनों तक भारी बारिश का अनुमान जताए जाने को देखते हुए लोग सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन को समन्वय के साथ काम करना चाहिए ताकि वर्षा से प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव अभियान सुचारू चल सके।
मुख्यमंत्री ने मंत्रालय (राज्य सचिवालय) में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नियंत्रण कक्ष का दौरा किया और कोंकण तथा पश्चिम महाराष्ट्र में भारी बारिश एवं बाढ़ से उपजी स्थिति का जायजा लिया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रायगढ़ जिले में भूस्खलन से 36 लोगों की मौत हो जाने पर शुक्रवार को दुख जताया और पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे राहत एवं बचाव कार्य में मदद करें।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वे राहत और बचाव कार्य में सहयोग करें। बारिश से लगातार तबाही हो रही है और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में जीवन बाधित है। कृपया सुरक्षित रहें।”
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य में बाढ़ से बिगड़ते हालात पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ शुक्रवार को चर्चा की। पवार के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि रक्षा मंत्री ने राहत एवं बचाव अभियानों में रक्षा बलों की मदद का आश्वासन दिया है। सेना और नौसेना की टीमें राज्य में पहले ही तैनात कर दी गई हैं। रायगढ़ की जिलाधिकारी निधि चौधरी ने बताया कि भूस्खलन की घटना बृहस्पतिवार देर शाम हुई, लेकिन मौके तक पहुंचने वाली सड़क पानी और कीचड़ से अवरूद्ध होने के कारण बचाव टीमों को वहां पहुंचने में दिक्कत हुई।
उन्होंने बताया, ‘‘बचाव अभियान आज सुबह शुरू हुआ और दोपहर तक शव निकाले गये।” अधिकारियों के मुताबिक गांव में करीब 30 मकान इस घटना में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये। शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 24 घंटे की अवधि में जिले में 165 मिमी औसत बारिश हुई। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, बचाव टीमों ने फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टरों की मदद ली। ठाकरे ने जिला प्रशासन को बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है।
विज्ञप्ति के मुताबिक, रायगढ़ जिले के मंगांव में लोगों को भोजन के करीब 2000 पैकेट बांटे गये हैं। वहीं, सतारा जिले में भूस्खलन और बारिश से जुड़ी घटनाओं में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि बाढ़ में तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सतारा जिले के पाटन तहसील में एक महिला और एक पुरूष की मौत हो गई।
सतारा ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार बंसल ने बताया कि अंबेघर और मीरगांव गांवों में बृहस्पतिवार रात भूस्खलन में कुल आठ मकान जमींदोज हो गये। बंसल ने बताया, ‘‘अंबेघर में 13 या 14 लोगों के चार मकानों में फंसे होने की आशंका है जबकि मीरगांव में तीन मकानों में आठ से 10 लोगों के फंसे होने की आशंका है।” एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रत्नागिरी जिले में भूस्खलन में कम से कम 10 लोगों के फंसे होने की आशंका है। (एजेंसी इनपुट के साथ)