Politics heats up in Maharashtra, after CM Thackeray's statement, Sanjay Raut responded to BJP's retaliate
File Photo

    Loading

    मुंबई. एक तरफ जहाँ मुंबई में देश के सबसे उद्योगपति मुकेश अम्बानी (Mukesh Ambani) के घर एंटीलिया के बाहर संदिग्ध कार मिलने के बाद NIA के एक्शन से महाराष्ट्र (Maharashtra) में अब भयंकर सियासी हलचल शुरू हो गई है। वहीं अब शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने इसे लेकर एक अत्यंत चौंकाने वाला बयान दे दिया है। जी हाँ अब उनका यह कहना है कि इस मामले में NIA की जांच की जानकारी पहले ही विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) तक पूरी तरह से पहुंचती रही। उनके हिसाब से यह राज्य सरकार के लिए बिल्कुल अच्छे संकेत नहीं है।

    क्या कहा राउत ने :

    गौरतलब है कि आज शिवसेना के मुखपत्र सामना (Saamana) में संजय राउत का यह बयान तब आया है जब बीती रात को ही लंबी पूछताछ के बाद NIA ने इस महत्वपूर्ण मामले में महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को अपनी गिरफ्त में लिया है। यही नहीं अब इस मुद्दे पर बीजेपी (BJP) ये भी मांग कर रही है कि सचिन वाजे का एक नार्को टेस्ट कराया जाए ताकि महाराष्ट्र सरकार और उनके लिंक की कथित सच्चाई सामने आ सके।

    बोले राम कदम, हो वाजे का नार्को टेस्ट:

    बता दें कि महाराष्ट्र बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम कदम (Ram Kadam) ने ट्वीट कर सचिन वाजे का नार्को टेस्ट कराने की बड़ी मांग की है। इसके साथ ही राम कदम ने वाजे की गिरफ्तारी के मसले पर उद्धव सरकार को भी घेरा है। आज राम कदम ने अपने ट्वीट में कहा है कि, “आखिरकार सचिन वाजे को एनआईए ने गिरफ्तार कर ही लिया। क्या अब सचिन वाजे को बचाने का कुकर्म करने वाली शिवसेना की सरकार देश से माफी मांगते हुए सचिन वाजे का नार्को टेस्ट करेगी? उन्होंने आगे कहा कि हमारी मांग है सचिन वाजे का नार्को टेस्ट कराया जाए जिससे पता चले कि महाराष्ट्र सरकार उसे बचाना क्यों चाहती थी?”

    क्या लिखा सामना में राउत ने:

    इधर सामना में आज संजय राउत ने अपने लेख में लिखा है कि इस मामले की जांच ही NIA को इसलिए मिली है ताकि उद्धव सरकार पर किसी भी प्रकार से दबाव बनाया जा सके। यही नहीं उन्होंने यह भी लिखा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल अब राज्य की सरकार पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है। इतना ही नहीं अपने लेख में राउत ने यह भी दावा किया है कि इस मामले की जानकारी विपक्ष के नेता देंवेंद्र फडणवीस तक सबसे पहले पहुंचती रही। यह सब हरकतें राज्य सरकार के लिए अच्छे संकेत नहीं है। यह भी कहा गया कि देवेन्द्र फडणवीस को बतौर नेता विपक्ष अपना खोया हुआ आत्मविश्वास मिलने में डेढ़ साल का वक़्त लगा है। अब उन्हें राज्य सरकार को एक मुद्दे पर घेरने का बढ़िया मौका मिल गया है। विधानसभा में सत्र के दौरान भी वैसे ही चार दिन तक फडणवीस पर सबका फोकस रहा था।

    NIA की जांच उद्धव सरकार पर दबाव बनाने का एक नया पैंतरा:

    इसके साथ ही एंटीलिया केस में NIA जांच की बात का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि इस मामले की जांच NIA को तब सौंपी गई जब बीजेपी ने विधानसभा में इस मामले को जोर शोर से उठाया था। केंद्र सरकार ने इसकी जांच NIA को क्यों सौंपी क्योंकि ऐसा बीजेपी के लिए ही संभव था। बीजेपी केंद्र में है। इस प्रकार की राजनीतिक हरकत महाराष्ट्र जैसे राज्यों पर दबाव बनाने का एक नया पैंतरा है। 

    इसके बाद राउत ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि, बीजेपी पूजा चव्हाण और मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच की मांग तो कर रही है लेकिन सांसद मोहन डेल्कर की आत्महत्या पर क्यों शांत है।  डेल्कर ने यह बात प्रिविलेज कमेटी के सामने भी यह बात कही थी कि दादर-नगर हवेली प्रशासन उनका लगातार तिरस्कार करता आ रहा है। अगर यह ऐसे ही जारी रहा तो वह आत्महत्या कर लेंगे। इस पर राउत ने आगे कहा कि संसद को कार्रवाई के लिए इस मामले में और क्या इससे बड़ा सबूत चाहिए।