मुंबई. शिवसेना-बीजेपी (Shivsena-BJP) की आपस में एक बार फिर ठन गयी है। गौरतलब है कि बीजेपी (BJP) ने इस बार मुंबई महानगरपालिका की सभी सीटों पर चुनाव लड़ना तय किया है। अब इसी मुद्दे को लेकर शिवसेना (Shivsena) ने अपने मुखपत्र ‘सामना'(Saamana) के संपादकीय के जरिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा है। वहीं शिवसेना मुखपत्र ‘सामना’ के इस लेख पर बीजेपी ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया है।आज ‘सामना’ ने अपने संपादकीय में लिखा है कि मुंबई जीतने का निश्चय बीजेपी ने किया है। बीजेपी ने ऐसा तय किया है कि इस बार मुंबई महानगरपालिका पर शुद्ध भगवा लहराएंगे। अब यह शुद्ध भगवा मतलब निश्चित तौर पर क्या मामला है?
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— Saamana (@SaamanaOnline) November 20, 2020
क्या कहा था देवेन्द्र फडणवीस ने:
बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को मुंबई कार्यकारिणी की बैठक में ऐलान किया कि बीएमसी आगामी चुनाव के बाद बीजेपी का महापौर होगा। फडणवीस की इस घोषणा पर महापौर किशोरी पेड़णेकर जहाँ बीजेपी पर भड़क गई हैं, वहीं दूसरी तरफ अब कांग्रेस ने भी महाविकास आघाड़ी को धता बताते हुए बीएमसी चुनाव में अकेले ताल ठोंकने का ऐलान कर दिया है। बता दें कि 35 हजार करोड़ बजट वाली मुंबई महानगरपालिका की सत्ता पर काबिज होने लिए बीजेपी कड़ी मेहनत कर रही है। विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस की उपस्थिति में मुंबई में पदाधिकारियों की एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई मनपा पर भाजपा का ‘भगवा’ फहराने की घोषणा की थी।
बीजेपी के बयान से शिवसेना तिलमिलायी:
अब बीजेपी के इसी बयान पर शिवसेना तिलमिला उठी और अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में इसे अचेत अवस्था में दिया गया बयान बताया है और कहा है कि बिहार का चुनाव बीजेपी ने जीत तो लिया है लेकिन उसे जीतने में उनका दम कैसा निकला यह देश ने भी देखा है। वहीं बिहार चुनाव के प्रभारी देवेंद्र फडणवीस थे। इसलिए जीत का श्रेय मोदी जितना ही फडणवीस को भी तो जाता है। इसके साथ ही संपादकीय में यह सवाल किया गया है कि बिहार की जीत से बीजेपी का निश्चित तौर पर कौन-सा झंडा पटना पर लहरा रहा है कम से कम यह तो बताएं ? विचारों का झंडा तो हमेशा एक ही होता है। बिहार पर भगवा लहराएंगे या भगवा फहरा दिया। ऐसा बयान इन बीजेपी के नेताओं ने दिया था, ऐसा याद नहीं आता। क्योंकि भगवा से तो उनका उनका वैसे कोई संबंध नहीं है।
इस संपादकीय में आगे यह भी लिखा है कि शिवसेना से गठबंधन के बाद बीजेपी का पूर्ण रूप से भगवा से संबंध जुड़ा। मुंबई में भगवा तब से लहरा रहा है, जब बीजेपी और शिवसेना साथ भी नहीं थे। यह भगवा शुद्ध, तेजस्वी और प्रभावी है। यह भगवा छत्रपति शिवाजी महाराज की दें है। इसके साथ ही बीजेपी पर तंज करते हुए लिखा गया है कि है कि उनके यहां शायद कोई शिवाजी की बराबरी का तैयार हो गया होगा और उन्होंने उनका अलग भगवान भी तैयार किया होगा। यह उनकी समस्या है। शिवाजी के सातारा और कोल्हापुर की गद्दी के वंशज भी अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं, लेकिन भगवा का स्वामित्व महाराष्ट्र भूमिपुत्रों के पास ही है और किसी के पास नहीं। यह भगवा उतारकर अलग झंडा लहराना महाराष्ट्र से और छत्रपति शिवाजी से बड़ा छल होगा। वहीं बीएमसी से भगवा उतारने की बात करना मतलब मुंबई से महाराष्ट्र का अधिकार को नकारने के बराबर है। मुंबई से भगवा को उतारने का मतलब इसे फिर से पूंजीपतियों का निवाला बनाकर भूमिपुत्रों, श्रमिक, मजदूरों को गुलाम बनाने जैसा होगा।
शिवसेना की बीजेपी को नसीहत:
इसके साथ ही शिवसेना ने बीजेपी को नसीहत देते हुए लिखा है कि मुंबई को पूंजीपतियों का बुटीक बनने से रोकने का काम भी तो इसी भगवे ने किया है। मुंबई पर से भगवा उतारने का सपना जिन्होंने देखा, वे राजनीति और सार्वजनिक जीवन से हमेशा के लिए ख़ाक हो गए। हमारा भगवा शुद्ध ही है और अगर इसे हाथ लगाओगे तो जलकर खाक भी हो जाओगे। नहीं मानते तो इतिहास के पन्ने-पन्ने में यह दर्ज है। कम से कम तह बात बीएमसी पर नई ईस्ट इंडिया कंपनी का ‘यूनियन जैक’ फहराने की बात करनेवालों को नहीं भूलना चाहिए।
शिवसेना को बीजेपी नेता राम कदम का पलटवार:
इधर शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में आए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बयान और संपादकीय पर बीजेपी नेता राम कदम ने कड़ा प्रहार किया है और हिंदुत्व के नाम पर अपनी राजनीति करने पर शिवसेना को घेरा है।
शिवसेना मुखपत्र सामना में आए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बयान पर बीजेपी नेता राम कदम का प्रहार। हिंदुत्व के नाम पर राजनीति चमकाने वाली शिवसेना को घेरा।@ramkadam @ShivSena #Samna @OfficeofUT @rautsanjay61 pic.twitter.com/NhkuTkpc5E
— NavaBharat (@enavabharat) November 20, 2020
उन्होंने कहा कि, “शिवसेना भगवे पर अपनी मिलकियत बता रही है, लेकिन शायद वो पालघर की घटना को भूल गयी है। जब वहां पर इसी भगवे को पहने साधू-संतो पर हमला हो रहा था तो यह शिवसेना खामोश क्यों बैठी थी। जब इसी ‘भगवा’ को कांग्रेस ‘आतंकवाद’ कह रही थी तब शिवसेना कहाँ थी, और आज उनके साथ अपनी राजगद्दी बाँट के बैठी है।आज समूचा ‘भगवा समाज’ भगवे के लिए न्याय मांग रहा है तो शिवसेना अपने कान में रुई डाल के बैठी हुई है। हद तो यह है कि इन लोगो ने शिवाजी महाराज के वंशजों को भी अब नहीं छोड़ा है। मैं यहाँ यह साफ़ कर दूँ की भगवे की लाज रखनेवाली बीजेपी का ‘भगवा’ अब मुंबई महानगरपालिका में भी लहरा के रहेगा।”