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  • ठाकरे सरकार को करंट का झटका
  • सरकार के अंदर कांग्रेस का विरोध

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मुंबई. लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान बढ़ी हुई बिजली बिल (electricity bill) को लेकर ठाकरे सरकार को बीजेपी (BJP) ने भी जोरदार करंट का झटका देने का फैसला किया है. बीजेपी ने इसके खिलाफ 23 नवंबर सोमवार को राज्यव्यापी आंदोलन (Statewide protest) का ऐलान करते हुए बिजली बिल की होली जलाने की घोषणा की है.  बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने इस आंदोलन में आम लोगों से भाग लेने की अपील की है. 

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने लॉकडाउन के दौरान बढ़ी हुई बिजली बिल पर लोगों को 50 फीसदी तक रियायत देने का वादा किया था, लेकिन बाद में राउत इस वादे से पलट गए. पाटिल ने कहा कि इस वजह से आम लोगों में काफी आक्रोश है. उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली कम्पनियां अब लोगों से बकाया बिल की वसूली के लिए सख्ती कर रहे हैं.

गरीब लोगों के साथ विश्वासघात

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष पाटिल ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से गरीब लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार को इन लोगों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने बढ़ी हुई बिजली बिल भेज कर उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी है. यह गरीब लोगों के साथ विश्वासघात है.

मनसे और वंचित का भी विरोध

बीजेपी के अलावा राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने बढ़ी हुई बिजली बिल को लेकर महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार को अल्टीमेटम दिया है. मनसे नेता बाल नांदगावकर ने कहा है कि यदि सोमवार से पहले इस बारे में महाराष्ट्र सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया तो वे लोग भी सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे. वंचित आघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने भी लोगों से बिजली बिल नहीं भरने की अपील की है.   

सरकार के अंदर भी विरोध

बढ़ी हुई बिजली बिल को लेकर ठाकरे सरकार के अंदर भी घमासान मचा हुआ है. सरकार में शामिल कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री विजय वडेट्टीवार ने लोगों को बिजली बिल पर राहत देने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से स्पेशल पैकेज देने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इस बारे में जल्द ही सरकार में शामिल तीनों दलों के नेता मिल कर फैसला करेंगे. सूत्रों के मुताबिक महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल शिवसेना और एनसीपी बिजली बिल पर राहत नहीं देने के पक्ष में हैं, जबकि कांग्रेस मंत्री इसका विरोध कर रहे हैं. ऊर्जा विभाग कांग्रेस के मंत्री नितिन राउत के पास है. ऐसे में शिवसेना-एनसीपी नहीं चाहती है कि बिजली बिल पर आम लोगों का राहत देने का सारा श्रेय कांग्रेस के खाते में चला जाए. कांग्रेस मंत्रियों का आरोप है कि सरकार के अंदर उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है.