मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना (Maharashtra Corona Updates) की रफ्तार भले ही धीमी पड़ गई है। लेकिन ब्लैक फंगस (Black Fungus), डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा रखी है। इसी कड़ी में मुंबई से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बताना चाहते हैं कि लोग कोरोना से जंग तो जीत जा रहे हैं लेकिन म्यूकरमायकोसिस के आगे बेबस नजर आ रहे हैं। ये बात आंकड़े के जरिए सामने आई है।
ज्ञात हो कि मुंबई के बीएमसी के प्रमुख अस्पतालों में म्यूकरमायकोसिस से पीड़ित 40 ऐसे मरीज हैं जिनकी जिंदगी बचाने के लिए डॉक्टरों को उनकी आंख निकालनी पड़ गई। इन सभी में से सात की जान तो बची लेकिन उन्हें अपनी दोनों आंखें गंवानी पड़ गई। ब्लैक फंगस इन मरीजों पर इतना हावी हो गया कि अगर डॉक्टर इनकी आंख नहीं निकालते तो इनकी जान चली जाती।
उल्लेखनीय है कि मुंबई में कई मरीज कोरोना से जंग जीत गए हैं लेकिन वे म्यूकरमायकोसिस यानि ब्लैक फंगस के शिकंजे में आ गए हैं। इन मरीजों के इलाज की व्यवस्था बीएमसी ने अपने प्रमुख हॉस्पिटल में कर रखी है। जानकारी के अनुसार पिछले दो महीने के भीतर 161 मरीज ब्लैक फंगस से पीड़ित सामने आए हैं और इलाज के लिए भर्ती हुए हैं। जिसमें से 102 मरीजों की दोनों आंखों तक ब्लैक फंगस पहुंच गया है।