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    • बफर में शुरू है सफारी

    चंद्रपुर. पट्टेदार बाघों के लिए विश्वभर में प्रसिध्द ताड़ोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के द्वार आगामी 1 अक्टूबर से पुन: शुरू होगे और अगले वर्ष मानसून तक पर्यटक यहां सफारी का भरपूर लुत्फ उठा पायेंगे. मानसून के तीन महीनों जुलाई, अगस्त और सितंबर के दौरान ताड़ोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प को पर्यटन के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है.परंतु कोरोना के खतरे के चलते ताड़ोबा की कोअर क्षेत्र की सफारी मार्च माह से ही बंद कर दी गई है.

    16 जुलाई से ताड़ोबा बफर में ऑनलाईन बुकिंग के तहत सफारी शुरू है. अधिकांश पर्यटकों का आकर्षण का केन्द्र कोअर क्षेत्र होने से भले ही अक्टूबर से पर्यटन शुरू होगा परंतु अभी इसके लिए बुकिंग शुरू हो चुकी है. एक अक्टूबर के लिए मोहुर्ली गेट से सुबह और दोपहर की 12-12 जिप्सी की बुकिंग हो चुकी है. इस तरह खुंटवडा प्रवेशद्वार से सुबह और दोपहर के लिए 5-5वाहनों के प्रवेश की बुकिंग हो चुकी है. कोअर में पर्यटन शुरू होने को लगभग सवा महीना बाकी है. परंतु पर्यटकों का आकर्षण देखते ही बन रहा है.

    उल्लेखनीय है कि चंद्रपुर जिले में पर्यटन की दृष्टि से देखा जाए तो वर्तमान में ताड़ोबा-अंधारी परियोजना देश के ही नहीं बल्कि विदेशों के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित किए हुए है. देश के सर्वाधिक बाघ यहां अभयारण्य में उपलब्ध है इनकी संख्या 100  से अधिक है. यही कारण है अधिवास के लिए संघर्ष के चलते कई बार बाघों को समीपस्थ के रिहायशी क्षेत्रों में प्रवेश करते हुए पाया गया है. हाल के दिनों में ऐसी घटनाएं काफी बढी है.

    बाघ के अलावा इस अभयारण्य में तेंदूए, चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली भैसे,भालू, मोर, जंगली मुर्गिया, जंगली सूअर, बंदर, हाथी और बदलते मौसम में आनेवाले विदेशी पक्षी, दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीव आदि है.इतने बड़े पैमाने पर वन्यजीवों का स्वच्छंद विचरण देखने के लिए यहां पर्यटक खींचे चले आते है. 

    ताड़ोबा देश विदेश के पर्यटकों की पहली पसंद होने के कारण यहां महीनों पूर्व बुकिंग करनी पड़ती है. इसके बाद ही पर्यटन का मौका मिल पाता है. अब तो बुकिंग की प्रक्रिया ऑनलाईन हो चुकी है. यहां जिप्सी बुकिंग के लिए दो प्रकार की आरक्षण व्यवस्था है इसमें 120  दिन पूर्व ऑनलाईन बुकिंग, एडवांस बुकिंग या  3  दिन पूर्व तत्काल बुकिंग की व्यवस्था है. अधिकांश रूप से एडवांस बुकिंग होती है. कैटर्स बुकिंग ताड़ोबा के प्रकल्प निदेशक कार्यालय से पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर उपलब्ध है. 

    साधारणत: ऑनलाईन बुकिंग के लिए 60 गाडियों का आरक्षण होता है जिन्हें 6 प्रवेशद्वारों से प्रवेश दिया जाता है. सर्वाधिक गाडिया मोहुर्ली गेट से प्रतिदिन 32 वाहनों को प्रवेश दिया जाता है. कोलारा से 12, नवेगांव  से 06, खुटवंडा से 04, झरी से 04, पांगडी  से 02 वाहनों को प्रतिदिन प्रवेश दिया जाता है.

    इसीतरह तत्काल बुकिंग के लिए कुल 18 गाडियों को प्रतिदिन प्रवेश दिया जाता है. इसमें मोहुर्ली से 08, कोलारा  से 06, नवेगांव से 02,खुटवंडा  से 02 वाहनों को प्रवेश दिया जाता है.  सप्ताह में केवल मंगलवार को कोअर और बफर में पर्यटन नहीं होता है. शेष दिनों के लिए अभयारण्य पर्यटन के लिए शुरू रहता है. इसमें सुबह 6 बजे और दोपहर 2.30 बजे दो टाईम में प्रवेश दिया जाता है. साधारणत: 6 घंटे तक पर्यटक सफारी कर सकते है. 

    बफर में शुरू है पर्यटन

    ताड़ोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के बफर जोन में 16 जुलाई से लेकर 30 सितंबर तक मानसून सफारी का पर्यटकों को अवसर दिया जा रहा है. कोरोना नियमों के तहत होनेवाली इस सफारी में पर्यटकों को ऑनलाईन बुकिंग करनी होगी जो कि 15 जुलाई से ही शुरू हो चुकी है. 

    विदित हो कि ताड़ोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के बफर जोन में प्राकृतिक पर्यटन कोविड 19 के चलते 14 अप्रैल 2021  से बंद कर दिया गया था. इसके बाद कोविड के संदर्भ में लगाये गए लॉकडाऊन में राज्य सरकार द्वारा कुछ शिथिलता दिएजाने  पर कोरोना नियमों के तहत पयर्टन शुरू करने की प्रधान मुख्य वनसंरक्षक, (वन्यजीव) नागपुर द्वारा मंजूरी मिलने के बाद 28 जून से बफर झोन के ताड़ोबा-अंधारी प्रकल्प में पर्यटन आफलाईन पध्दति से शुरू किया गया था.

    परंतु पर्यटन गेट पर पर्यटकों की बढती भीड़ के मद्देनजर कोविड 19 के नियमों का सरेआम उल्लंघन होता देख अब सतर्कता बरतते हुए 16 जुलाई पर्यटन शुरू किया गया है. बफर में तो वैसे 14 प्रवेशद्वार है परंतु फिलहाल 13 प्रवेशद्वार से प्रवेश मिल रहा है. इसमें आगरझरी से सुबह-दोपहर 6-6, देवाडा अडेगांव से सुबह-दोपहर 12-12, जुनोना से  6-6, कोलारा से  6-6, मदनापुर से 6-6, अलीझंझा से 6-6, नवेगांव रामदेगी  6-6, निमढेला से 6-6, पांगडी से 4-4, मामला से  6-6, झरीपेठ से 4-4, केसलाघाट से  4-4, सिरकाडा से 6-6 जिप्सी का प्रवेश शुरू है.

    कोराना नियमों का कडाई से पालन

    कोअर में सभी प्रवेश द्वार पर पर्यटकों को कोरोना नियमों का पालन करते हुए सोशल डिस्टन्सिंग रखना होगा, स्वयं का हैंड सैनेटाजर, मास्क का उपयोग अनिवार्य है. बिना मास्क के किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. प्रवेश द्वार पर प्रवेश के पूर्व सभी पर्यटक, गाईड और जिप्सी चालक के शरीर का तापमान थर्मल स्कैनर से जांचा जाएगा, प्रवेश पूर्व जिप्सी चालक और गाईड को अपना मास्क लगाना, सैटनेटाइजर का उपयाग कर बैठना होगा उसी प्रकार वाहन को सैनेटाइजर करना आवश्यक है, पर्यटकों को पर्यटन के दौरान मोबाइल फोन ले जाने पर बंदी होगी, मानसून सफारी के दौरान पर्यटन रोड की स्थिति को ध्यान में रखकर महज जिप्सी चालक और गाईड को मोबाइल फोन उपयोग की अनुमति होगी.