मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सोमवार को सोलापुर दौरे पर, बाढ़ स्थिति की करेंगे समीक्षा

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मुंबई. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) 19 अक्टूबर को सोलापुर का दौरा करने वाले है। राज्य में वापसी की बारिश ने कुछ जिलों में किसानों तथा अन्य लोगों का काफी नुकसान हो गया है। इसी पृष्ठभूमि पर मुख्यमंत्री प्रत्यक्ष बाढ़ स्थिति की समीक्षा करके किसान और ग्रामीणों से चर्चा करने वाले है। (Chief Minister Uddhav Thackeray visits Solapur on Monday, to review flood situation)

पिछले एक हफ्ते में कोंकण, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र में वापसी की बारिश ने हाहाकार मचाया है। इसमें किसानों का सबसे ज्यादा नुकसान हो गया है। किसानों के हाथ में आयी उपज इस बाढ़ ने ध्वस्त कर दी है। इसलिए राष्ट्रवादी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस सीधे किसानों के पास जाकर चर्चा करने वाले है। (Chief Minister Uddhav Thackeray visits Solapur on Monday, to review flood situation)

इस बीच विपक्षियों द्वारा मुख्यमंत्री की आलोचना की जा रही है कि, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बाढ़ स्थिति की समीक्षा करने घर से बाहर नहीं निकलते। हालांकि अब मुख्यमंत्री 19 अक्टूबर को सोलापुर दौरे पर जा रहे है।  

मनसे नेता नांदगावकर ने कसा था तंज 

मनसे नेता बाला नांदगावकर ने ट्वीट कर सीएम ठाकरे पर तंज कसा था. उन्होंने मुख्यमंत्री से घर छोड़ कर बाहर निकलने की अपील की थी. नांदगावकर ने कहा कि बाढ़ से राज्य के किसानों की हालत ख़राब है. उन्होंने सीएम ठाकरे से कहा कि ऑनलाइन बात करने से समस्या हल नहीं होगी. आप किसानों के बीच जाइए और उनके आंसू पोछने के बाद आर्थिक मदद का ऐलान कीजिए.

फडणवीस भी करेंगे बाढ़ स्थिति समीक्षा   

पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस राज्य के मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र का दौरा कर हाल ही में अतिवृष्टि की वजह से हुए किसानों के नुकसान का जायजा लेंगे। मानसून के आखिरी दौर में हुई जबरदस्त बारिश से कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। फसलों के बर्बाद होने से किसानों की हालत खराब है। किसानों को राहत दिलाने को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है, अब वे 3 दिवसीय दौरा कर नुकसान की जानकारी हासिल करेंगे।  

विपक्ष ने की थी कड़ी आलोचना 

कोरोना संकट के दौरान सीएम ठाकरे ने अपनी ज्यादातर मीटिंग ऑनलाइन की है. इस वजह से उनकी काफी आलोचना रही है. सीएम ठाकरे के बाहर नहीं निकलने पर राकां अध्यक्ष शरद पवार ने भी अप्रत्यक्ष रूप से नाराजगी जताई थी.