CJI Sharad Bobde

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नागपुर. देश की सर्वोच्च अदालत के मुख्य न्यायाधीश शरद बोबड़े ()ने कहा कि सामान्य नागरिकों को जल्द न्याय के लिए न्याय कौशल (ई-रिसोर्स सेंटर) महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा. नई तकनीक से न्यायदान की प्रक्रिया अधिक समतोल और सुलभ होगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए न्याय प्रक्रिया में ई-फाइलिंग जैसी प्रक्रिया को गित देकर कानून का राज अधिक मजबूत करने की जरूरत है. उनके हाथों हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में अत्याधुनिक ई-रिसोर्स सेन्टर का उद्घाटन किया गया. इस अवसर पर वे बोल रहे थे.

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश भू्‌षण गवई, मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता, न्यायाधीश रवि देशपांडे, न्या. सुनील शुक्रे, न्या. ए.ए. सैयद, न्या. नितीन जामदार उपस्थित थे. चीफ जस्टिस ने कहा कि कोरोना महामारी काल में सुप्रीम कोर्ट का कामकाज विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया. कुछ राज्य में मोबाइल वैन द्वारा भी कार्य किया गया. तकनीक पर आधारित ई-कोर्ट सिस्टम से समय, श्रम, पैसे की बचत भी होगी लेकिन इसके लिए तकनीक की सहज व समानता से उपलब्धा होनी चाहिए.

सभी वर्ग को मिला लाभ

चीफ जस्टिस ने कहा कि नागपुर से शुरू हुआ या सिस्टम पूरे देशभर में कार्यरत हो. ई-रिसोर्स सेंटर के माध्यम से न्याय व्यवस्था पर कार्य का बोझ कम होने में मदद मिलेगी. न्यायप्रणाली वेगवान व सुलभ होगी. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट समन्स जारी करने जैसा कम प्राथमिकता वाला काम एक क्लिक पर मोबाइल द्वारा तत्काल हो सकता है. इससे प्राथमिकता के नाम पर न्याय विलंब होना बंद होगा.

20 हजार पन्नों का कोई मामला है तो उसकी पूरक जानकारी खोजने का कार्य ई-फाइलिंग कुछ सेंकड में संभव होगी. यह सिस्टम से केवल वकील, शिकायतकर्ता ही नहीं मध्यस्था करने वालों के लिए भी वरदान साबित होगी. किसान, पीड़ितों, महिलाओं व हर तबके के लोगों को तेज गति से न्याय का लाभ मिलेगा. कार्यक्रम की प्रस्तावना मुंबई उच्च न्यायालय के न्यान्याधीश नितीन जामदार ने रखी. 

ई-प्रणाली हो रही मजबूत

कार्यक्रम में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने कहा कि राज्य में ई-प्रणाली के उपयोग का जला मजबूत हो रहा है. न्या. भूषण गवई ने कहा कि यह सिस्टम आने वाले समय में दीर्घकालीन व्यवस्था साबित होने वाला है. इसके चलते काटोल जैसे तहसील से भी देश के किसी भी न्यायालय से संपर्क साधना संभव हुआ है. न्या. रवि देशपांडे ने अपने विचार रखे. 

ई-न्यायप्रणाली के प्रमुख न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ दिल्ली से वीसी के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े. विभागीय आयुक्त संजीव कुमार, जिलाधिकारी रविंद्र ठाकरे, पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार, सुको के पूर्व न्यायाधीश विकास शिरपूरकर, मुबंई उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश भूषण धर्माधिकारी उपस्थित थे.

इस दौरान पीडब्ल्यूडी के अधीक्षक अभिंयता जर्नादन भानुसे, अभियंता राजेंद्र बारई, चंद्रशेखर गिरी, दिनेश माने, राजेंद्र बर्वे व  विद्युत विभाग के अधीक्षक अभियंता मनीष पाटिल,मीडिया वेव के अजय राजकारणे का डिजिटल सत्कार किया गया. संचालन एड. राधिका बजाज, न्यायाधीश शर्वरी जोशी और आभार प्रदर्शन न्यायाधीश सुनील शुक्रे ने किया.