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मुंबई. राज्य में कोरोना परीक्षण के दरों में फिर एक बार कटौती करने का निर्णय लिया गया है। राज्य स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा, “राज्य में यह कटौती तीसरी बार की जा रही है। इस बार प्रति परीक्षण में 300 रुपये की कटौती का निर्णय लिया गया है। इसलिए, अब निजी प्रयोगशालाओं को नई निर्धारित दरों के अनुसार अधिकतम 1900 2200 और 2500 रुपये का शुल्क लेना अनिवार्य होगा। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने स्पष्ट किया है कि निजी प्रयोगशाला इससे अधिक शुक्ल नहीं ले सकती।

कुछ दिनों पहले राज्य सरकार ने एक समिति गठित करके कोरोना परीक्षणों के दर तय किये थे। अस्पताल से स्वैब लेने के लिए 2200 रुपये और मरीज के घर से स्वैब लेने पर 2500 रुपये लेने का निर्णय लिया गया था। वहीं कुछ लोग, मरीज सीधे प्रयोगशाला में जाकर खुद की जांच करते थे, उनसे 2800 रुपये लिए जा रहे थे। लेकिन अब निजी प्रयोगशालाओं को व्यक्तिगत परीक्षण के लिए जाने वाले लोगों से 2800 रुपये के बजाय 2500 रुपये शुल्क लेना अनिवार्य कर दिया है। 

ऐसे है नए दर

  • अब सैंपल लेकर उसकी ट्रैवलिंग और रिपोर्टिंग के लिए 2200 रुपये के बजाय 1900 रुपये शुल्क लगेगा। 
  • स्वैब कलेक्शन सेंटर, कोरोना केयर सेंटर, क्वारंटीन सेंटर से स्वैब लेने पर 2500 रुपये के बजाय 2200 रुपये शुल्क लगेगा।
  • मरीज के घर जाकर स्वैब लेने पर 2500 रुपये का शुल्क लगेगा।

राज्य में मिशन बिगेन के तहत कुछ स्थानों पर तालाबंदी में ढील दी गई है। परिणामस्वरूप, परीक्षण के लिए लगने वाले रीएजेंट्स, वीटीएम किट और पीपीई किट की उपलब्धता में वृद्धि होकर उनकी कीमतों में भी कमी आई है। इसलिए, परीक्षण की लागत को कम करना आवश्यक था। इसे ध्यान में रखते हुए, समिति ने प्रयोगशाला और किट निर्माताओं के साथ चर्चा की और सिफारिशों के साथ सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी। तदनुसार, परीक्षणों की संशोधित दरें तय की गई हैं।