सूरज पांडे
मुंबई. देश में पिछले डेढ़ साल में कोरोना (Corona) ने तबाही मचा रखी है। महाराष्ट्र (Maharashtra) के लोगों ने कोरोना का सबसे अधिक प्रकोप झेला है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार रविवार को राज्य में कोरोना से मरनेवालों (Deaths) की संख्या 1 लाख के पार चली गई है। राज्य में हुई मौत के आंकड़े ने 180 से अधिक देशों को पीछे छोड़ दिया है। हालांकि इनमें से कई ऐसे देश है जिनकी जन संख्या राज्य में हुई मौत से भी कम है।
देश में अब तक कोरोना से 3,47,028 लोगों की मौत हुई है, जिसमें से सबसे अधिक 100130 मौत महाराष्ट्र में हुई है। राज्य में मौत की संख्या विचिलत करने वाली है। उक्त आंकड़े बताते है कि राज्य सरकार और जनता ने पिछले डेढ़ वर्ष में किन मुसीबतों का सामना किया है। शुरुआत में अनुभव की कमी, बेड्स, अतिआवश्यक दवाइयां और ऑक्सीजन की कमी भी दूसरी लहर में खल रही थी, लेकिन राज्य सरकार और लोगों ने हार नहीं मानी है।
कोविड के साथ जीना सीखना होगा
स्टेट सर्विलांस ऑफिसर डॉ. प्रदीप आवते ने बताया कि भले ही राज्य में सबसे अधिक मौत दर्ज की गई है, लेकिन यह बात भी सच है कि महाराष्ट्र सर्विलांस टीम ने पारदर्शिता से अपना काम किया है। वास्तव में जो राज्य में घटा है उसे सही मायनों में समझने और उसे कबूलने का कार्य किया गया है, जबकि कई अन्य राज्यों में कई मौतें हुई है जो सिस्टम रिकॉर्ड नहीं कर पाया है। हमने समस्या को जाना तब जा कर हम कोरोना से लड़ने में सक्षम बन रहे हैं। राज्य और उसकी जनता के लिए यह बहुत बड़ा नुकसान है। इस बीमारी ने लोगों के अपनों को छीना है। कई बच्चों को अनाथ किया है। इस क्षति से उभर पाना बेहद कठिन है, लेकिन अब हमें कोविड के साथ जीना सीखना होगा। मौत के आंकड़ों को देख कर हमें और भी जिम्मेदार बनने की आवश्यकता है।
राज्य में औसतन 220 मौत
9 मार्च 2020 को राज्य में कोरोना का पहला मामला सामने आया था तब से लेकर अब तक कुल 453 दिनों में 100130 लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई है। यदि उक्त आंकड़ों का आंकलन करे तो प्रति दिन औसतन 220 मौत राज्य में हुई है।
कोरोना को कंट्रोल करना 75 फीसदी तक नागरिकों के हाथ में है। लोगों में जागरूकता बढ़ाने और उनकी जिम्मेदारियों का बोध करना बेहद जरूरी है। बिना नागरिकों की मदद से कोरोना को हराना मुश्किल है। इसी के साथ हमारे प्राथमिक और सेकेंडरी हेल्थ केयर सिस्टम को और भी मजबूत करने की आवश्यकता है।
-डॉ. अविनाश सुपे, अध्यक्ष, डेथ रिव्यु कमिटी
मौत के आंकड़ों को देखते हुए अब हमें आने वाले 10 वर्षों तक हेल्थ केयर सिस्टम पर फोकस करने की आवश्यकता है। हमने जो देखा और अनुभव किया है उसके बाद स्वास्थ्य सेवा को सशक्त करने के जरूरत है। जनता को भी कोविड नियमों का पालन करते हुए कोरोना के साथ जीना सीखना होगा।
-डॉ. प्रदीप आवते, स्टेट सर्विलांस ऑफिसर(स्वास्थ्य विभाग)
राज्य में मौत के टॉप 5 जिले
जिला | संख्या | मौत |
मुंबई | 710643 | 15038 |
पुणे | 1026717 | 13348 |
ठाणे | 566995 | 8257 |
नागपुर | 491094 | 7070 |
नाशिक | 390423 | 4918 |
विश्व में मौते के टॉप 5 देश
देश | मौत |
अमेरिका | 5,90,693 |
ब्राज़ील | 4,69,784 |
इंडिया | 3,47,259 |
मेक्सिको | 2,28,754 |
पेरू | 1,86,073 |