मुंबई. भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस (Senior BJP leader Devendra Fadnavis) ने कहा कि महाराष्ट्र में हाल में हुई घटनाओं पर उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) और बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) द्वारा शुक्रवार को दिए गए फैसले महा विकास आघाडी (Mahavikas Aghadi Government) सरकार पर ‘‘करारा तमाचा” हैं। फडणवीस ने हालांकि इस बात का जिक्र नहीं किया कि वह किस फैसले के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन वह संभवत: उच्चतम न्यायालय द्वारा पत्रकार अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) की अंतरिम जमानत को आगे बढ़ाने और मुंबई में कंगना रणौत (Kangna Ranout) के बंगले को लेकर बंबई उच्च न्यायालय के फैसले का जिक्र कर रहे थे।
एकाच दिवशी देशातील दोन न्यायालयांचे निकाल एकप्रकारे सरकारच्या वर्षभरातील कामगिरीचा सार सांगणारेच आहेत.
आता प्रश्न असा आहे की, सर्वोच्च न्यायालय आणि उच्च न्यायालयाला सुद्धा हे ‘महाराष्ट्रद्रोही‘ ठरविणार का?— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) November 27, 2020
फडणवीस ने मराठी में सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘देश में दो अदालतों द्वारा एक ही दिन दिए गए फैसले पिछले एक वर्ष में सरकार के कामकाज के बारे में बताते हैं। लेकिन क्या अब वे उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय को महाराष्ट्र द्रोही कहेंगे?” उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में हाल के समय में हुई कुछ घटनाओं पर उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के फैसले सरकार पर करारा तमाचा है। उन्हें समझना चाहिए कि सरकार के खिलाफ आवाज को भी इस तरह से नहीं दबाया जा सकता है।” महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य सरकार भूल गई कि देश में लोकतंत्र है। अगर अदालतों को यह सरकार को याद दिलाना पड़े तो सवाल उठता है कि क्या वे शपथ का उल्लंघन कर रहे हैं जो उन्होंने ली थी।”
सत्तेतील नेते सत्तांध झाल्याने ज्या घटना अलीकडच्या काळात महाराष्ट्रात घडल्या, त्यावर सर्वोच्च न्यायालय आणि उच्च न्यायालयाचे निकाल ही सरकारला सणसणीत चपराक आहे. सरकारविरोधी निघणारा प्रत्येक आवाज हा अशाप्रकारे चिरडून टाकता येत नसतो, हे आता तरी त्यांनी लक्षात घ्यावे!
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) November 27, 2020
अदालत के फैसले के बारे में जब शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा के सदस्य संजय राउत से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘इन फैसलों के बारे में मुझे मीडिया से पता चला। मुझे इन पर टिप्पणी करने से पहले उनका गहन अध्ययन करना होगा। मुझे कुछ समय चाहिए।” उच्च्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि पत्रकार अर्नब गोस्वामी और दो अन्य को, आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में तब तक अंतरिम जमानत जारी रहेगी जब तक कि बंबई उच्च न्यायालय उनकी याचिकाओं का निस्तारण नहीं करता। बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को फैसला दिया कि अभिनेत्री कंगना रणौत के बंगले का एक हिस्सा ध्वस्त करने का बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) का काम अवैध था और इसमें बुरी नीयत का पता चलता है। (एजेंसी)