एकनाथ खड़से ने बीजेपी को कहा अलविदा, एनसीपी में होंगे शामिल

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मुंबई: महाराष्ट्र भाजपा के वरीष्ठ नेता एकनाथ खड़से ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर, बीजेपी को बड़ा झटका दिया। ख़बरें हैं कि 23 अक्टूबर को खड़से एनसीपी में शामिल हो सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो ओबीसी का बड़ा चेहरा माने जाने वाले एकनाथ खड़से के जाने से बीजेपी को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। 

बीजेपी छोड़ने का फैसला लेने के बाद एकनाथ खड़से ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ली और कई मुद्दों पर खुलकर बोले। उन्होंने कहा कि मुझे कोई पद ना मिलने का कोई मलाल नहीं हैं। जो मिला वह किसी का एहसान लेकर मैंने हासिल नहीं किया। 

पार्टी छोड़ने के बाद एकनाथ खडसे ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि बीते 4 सालों में उन्हें अपनी ही पार्टी में काफी बदनामी सहनी पड़ी है। खडसे ने कहा, “मैं बीजेपी पर नाराज नहीं हूं बल्कि एक व्यक्ति पर हूं। मेरे ऊपर जो आरोप लगा, उस पर जांच हुई लेकिन उसमें कुछ नहीं मिला। बाकी नेताओं पर आरोप लगे लेकिन उनको क्लीन चिट दी जाती है और मुझे नहीं।”

वैसे एकनाथ खड़से ने पार्टी छोड़ने का फैसला अचानक से नहीं लिया बल्कि साल 2016 से ही उनकी पार्टी के साथ नाराजगी चल रही थी। जब राज्य में देवेंद्र फडणवीस सरकार बनी तब उसमें वे मंत्री रहें, लेकिन भूमि कब्जे के मामले में फंसने के बाद उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस घटना को उन्होंने फडणवीस की साजिश करार दिया। पिछले विधानसभा चुनाव में भी उन्हें पार्टी की ओर से टिकट नहीं दिया गया था। जिसके बाद उनका गुस्सा पार्टी के खिलाफ और बढ़ा। 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होने यह बात साफ कर दी कि, उनके साथ पार्टी का कोई अन्य विधायक या सांसद एनसीपी में शामिल नहीं हो रहा है। अपनी बहू तथा सांसद रक्षा खड़से के बारे में बोलते हुए उन्होने कहा वह बीजेपी रहना चाहती हैं या नहीं यह उनका व्यक्तिगत फैसला होगा। लेकिन फिलहाल वह बीजेपी में ही रहेंगी।

बीजेपी में उनके कामों की बात करें तो खड़से पार्टी के कद्दावर नेता माने जाते हैं। 6 बार वे पार्टी के टिकट पर विधायक भी बनें। साल 1995 में शिवसेना-बीजेपी की सरकार में वे जल मंत्री भी रह चुके हैं। साल 2009-14 के बीच उन्होंने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी निभाई। साल 2014 में भी बीजेपी को सरकार बनाने का मौका मिला तो उन्हें कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी गई थी।