मुंबई. बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने नासिक (Nashik) के एक अस्पताल में एक टैंक से रिसाव के बाद ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद (Oxygen Leak) हो जाने से कोविड के 22मरीजों की मौत की घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने महाधिवक्ता (एजी) आशुतोष कुंभकोनी को चार मई तक हलफनामा दाखिल करके यह बताने का निर्देश दिया कि घटना कैसे हुई।
सुनवाई के दौरान कुंभकोनी ने नासिक नगर निगम द्वारा संचालित डॉ जाकिर हुसैन अस्पताल में बुधवार को हुई घटना के बारे में अदालत को मौखिक ही कुछ तथ्यों से अवगत कराया। इस पर अदालत ने उन्हें विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। उन्होंने अदालत से कहा कि नासिक नगर निगम के अधिकारियों ने राज्य के मुख्य सचिव को जो रिपोर्ट भेजी है उसके अनुसार ऑक्सीजन टैंक को निजी कंपनी ‘ताइयो निप्पो सांसो कॉर्पोरेशन’ के साथ अनुबंध पर लगाया गया था। उन्होंने कहा कि टैंक के रखरखाव और उसमें भराव (फिलिंग) की जिम्मेदारी कंपनी की भी थी।
Bombay High Court has taken suo moto cognisance on yesterday's Nashik oxygen tanker leak incident, asks the Maharashtra government to file a reply on it pic.twitter.com/887EDZV6qU
— ANI (@ANI) April 22, 2021
एजी ने कहा, “ऑक्सीजन आपूर्ति हो रही थी लेकिन दबाव कम था। इन टैंकों में उसी दिन ऑक्सीजन भरी गई थी। उन्होंने निरीक्षण किया और वॉल्व में रिसाव पाया।” उन्होंने कहा कि इसे ठीक करने के लिए अभियंता को बुलाया गया।
एजी ने कहा, “इस बीच ऑक्सीजन का दबाव इस स्तर तक गिर गया कि आपूर्ति एक तरह से बंद ही हो गई। इससे ऑक्सीजन आपूर्ति पूरी तरह बंद हो गई और स्थिति एक घंटे 20मिनट तक रही।”
अदालत ने कहा कि घटना दुखद है जिसमें 22मरीजों की जानें चली गईं। अदालत ने इसके साथ ही महाधिवक्ता को इस बारे में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने ने कहा कि इस पर विस्तृत आदेश देर शाम सार्वजनिक किया जाएगा। (एजेंसी)