मुंबई. पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की जांच के लिए गठित कमिटी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Former Police Commissioner Parambir Singh) की तरफ से लगाए गए भ्रष्टाचार (Corruption) के आरोपों की जांच नाम पर सरकार ने केवल आंख में धूल डालने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा है कि किसी तरह का अधिकार नहीं दिए जाने से उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश वर्तमान गृहमंत्री के खिलाफ जांच कैसे करेंगे।
Now the question remains how will a retired judge without power enquire against a sitting Home Minister ❓
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) March 31, 2021
ट्वीट कर किया हमला
देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर कहा है कि भाजपा सरकार के समय तत्कालीन राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। उस समय झोटिंग समिति गठित की गयी थी। न्यायमूर्ति झोटिंग समिति गठित करते समय उन्हें कानून के तहत सभी तरह के अधिकार प्रदान किये गए थे, लेकिन अब गृहमंत्री अनिल देशमुख की जांच के लिए गठित चांदीवाल समिति कमिशन्स ऑफ इन्क्वायरी अॅक्ट 1952 अंतर्गत गठित नहीं की गयी है और न ही कानून के तहत अधिकार दिए गए हैं। सादा समिति का दर्जा दिया गया है। न्यायालयीन आयोग का अधिकार नहीं दिया गया है। इसकी वजह से यह समिति महज आंख में धूल फेंकने जैसी है। इससे कुछ हासिल होने वाला नहीं है।