महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की पत्नी अमृता फडणवीस (Amrita Fadnavis)और शिवसेना के बीच चल रहा विवाद बढ़ता ही जा रहा है।
मुंबई. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की पत्नी अमृता फडणवीस (Amrita Fadnavis) और शिवसेना के बीच चल रहा विवाद बढ़ता ही जा रहा है। अमृता (Amrita Fadnavis) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। अमृता फडणवीस ने कई बार शिवसेना की खुलेआम आलोचना की है और मज़ाक उड़ाया है। हाल ही में बिहार चुनाव के नतीजे के बाद देवेंद्र फडणवीस का वीडियो पोस्ट करते हुए अमृता ने शिवसेना को ‘शवसेना’ कहा था। अब शिवसेना नेता डॉ.नीलम गोऱ्हे (Dr.Neelam Gorhe) ने अमृता पर निशाना साधा है।
शिवसेना नेता डॉ.नीलम गोऱ्हे (Dr.Neelam Gorhe) ने ट्वीट करते हुए लिखा, “अमृता शब्द में ‘अ’ के बारे में पता होना जरूरी है। अमृता जी दिवाली के दिनों में ऐसे बुरी बातें मन में ना लाएं। शिवसेना की आलोचना करने से आपका कुछ अच्छा नहीं होगा। आपके नाम में जो ‘अ’ है उसे मरने न दें। मोदी जी जैसे बताते हैं वैसे योग करते रहें। योग करने से मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है और हां, सबसे पहले शिवसेना की एम्बुलेंस और शव वाहिनी की याद आती है। यह भी याद रखे आपके नाम में “अ” महत्वपूर्ण है, अगर वो निकल गया। तो केवल ‘मृता’ रहेगा। आप शिवसेना की चिंता न करें, अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें, बुरे ख्याल मन में लाना सही नहीं।”
#शिवसेना # एका शब्दाचे महत्व असते.*
*#अमृताशब्दातील अ चे भान महत्वाचे*
अमृताताई या दीपावलीच्या दिवसात अमंगल विचार मनात आणू नयेत,शिवसेनेला अभद्र नावे ठेवून आपले कल्याण होणार नाही,आपल्या नावातील”अ”मृतावस्थेत जावू देवू नका,मोदीजी सांगतात तसा अधूनमधून योगा करत जा २ @fadnavis_amruta pic.twitter.com/ZE74uqEPjH— Dr Neelam Gorhe (@neelamgorhe) November 12, 2020
नीलम गोऱ्हे (Dr.Neelam Gorhe) ने अमृता पर निशाना साधते हुए कहा कि आपकी यह दिवाली आपकी बुद्धि में ज्ञान का प्रकाश डालने वाली रहे। वहीं, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पत्नी रश्मि ठाकरे ने कभी भी गाने, अपना चेहरा बदलने और इस तरह के बयान देने के बारे में सोचा नहीं।
बता दें कि, अमृता ने शिवसेना पर निशाना साधते हुए शिवसेना को शवसेना कहा था। बिहार में मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए अमृता फडणवीस ने ट्वीट किया,” शिवसेना ने बिहार में अपने ही दोस्तों का खात्मा किया। क्या चल रहा है ? महाराष्ट्र के साथ जो भी हो लेकिन, बिहार को सही जगह ले जाने के लिए लिए धन्यवाद।”
बिहार में पहली बार शिवसेना ने घोषणा की कि वह 50 सीटों के लिए चुनाव लड़ेगी।लेकिन शिवसेना ने 22 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन इन सभी 22 सीटों पर शिवसेना को ‘नोटा’ के मुकाबले कम वोट मिले हैं।