- सिर्फ 2 दिनों के अधिवेशन पर भड़की बीजेपी
- देवेन्द्र बोले, मुद्दों से भाग रही है ठाकरे सरकार
मुंबई. महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र मुंबई में 14 व 15 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा. गुरुवार को दोनों सदनों के कामकाज सलाहकार समिति की बैठक हुई, जिसमें यह फैसला लिया गया. पहले यह अधिवेशन 7 दिसंबर से नागपुर में आयोजित किया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी को देखते अब इस अधिवेशन को मुंबई में आयोजित करने का फैसला लिया गया है.
विधान परिषद के सभापति रामराजे नाईक निंबालकर व विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले की अध्यक्षता में कामकाज सलाहकार समिति की बैठक हुई. जिसमें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोर्हे, विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी झिरवाल, विधानससभा में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस, विधान परिषद में नेता विपक्ष प्रवीण दरेकर, संसदीय कामकाज मंत्री अनिल परब, जयंत पाटिल, बालासाहेब थोरात, एकनाथ शिंदे, विजय वडेट्टीवार, दिलीप वलसे-पाटिल, सुभाष देसाई, अनिल देशमुख समेत दोनों सदनों के कई सदस्य मौजूद थे. बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस बार अधिवेशन को मुंबई में आयोजित करने के बारे में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सिफारिश भेजने का फैसला लिया गया था.
सवालों से भाग रही सरकार
नेता विपक्ष देवेन्द्र फडणवीस ने सिर्फ 2 दिन के अधिवेशन का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि ठाकरे सरकार जनता के सवालों से भाग रही है. फडणवीस ने कहा कि खराब मौसम की वजह से राज्य के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. मराठा आरक्षण को लेकर लोगों में आक्रोश है. महिलाओं की सुरक्षा अहम है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से सरकार के मुंह पर बड़ा तमाचा लगा है. फडणवीस ने कहा कि इन सब विषयों पर चर्चा करने के लिए हमनें विधानसभा अध्यक्ष से 2 सप्ताह के अधिवेशन को आयोजित करने की मांग की है. उन्होंने शीतकालीन सत्र को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत नागपुर में ही आयोजित करने की मांग की है.