Waiting for local people is increasing

  • बीएमसी आयुक्त ने दिए संकेत
  • कोरोना मामलों की हो रही समीक्षा

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मुंबई. कोरोना के घटते मामलों के बीच जहां आम यात्री मुंबई लोकल (Mumbai Local) के दरवाजे खुलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वहीं बीएमसी आयुक्त ने 31 दिसंबर के बाद से सभी लोगों के लिए लोकल शुरू किए जाने का संकेत दिया है। गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए बीएमसी आयुक्त आई.एस. चहल (BMC Commissioner I.S. Chahal) ने कहा कि आगामी  20 दिसंबर तक कोरोना मामलों की समीक्षा कर निर्णय लिया जाएगा।

आयुक्त ने संकेत दिया कि कोरोना मामलों में इसी तरह सुधार होता रहा तो 31 दिसंबर के बाद आम लोगों के लिए मुंबई लोकल (Mumbai Local)  खोली जा सकती है। मुंबई में अनलॉक के बाद सभी के लिए लोकल शुरू किए जाने पर  विचार किया जा रहा है। पिछले महीने दीपावली के बाद से ही मुंबई की ‘लाइफ लाइन’ कही जाने वाली लोकल को सभी  के लिए खोलने का दबाव बढ़ा है। लोकल में भीड़ प्रबंधन को लेकर रेलवे और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच चर्चा भी हो  रही है।

पिछले माह से ही सभी के लिए लोकल शुरू किए जाने का विचार राज्य सरकार कर रही थी । इस बीच राजधानी दिल्ली में अचानक कोरोना (corona) के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुंबई में भी एलर्ट घोषित कर दिया गया। मुंबई लोकल में अत्यावश्यक कर्मचारियों के अलावा शिक्षकों, वकीलों, नॉन पीक ऑवर में महिलाओं आदि नामित  लोगों को यात्रा की इजाजत दी गई है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी भी मुंबई की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। कोरोना के घटते  मामलों को देखते हुए नए साल से सभी के लिए लोकल खोलने की इजाजत दी जा सकती है। इतिहास में पहली बार मुंबई लोकल  साढ़े 8 माह से आम लोगों के लिए बंद है।

कोर्ट से जुड़े लोग पीक आवर में कर सकेंगे यात्रा

मुंबई लोकल में वकीलों के साथ कोर्ट से जुड़े कर्मचारियों  को मॉर्निंग पीक आवर में भी लोकल में यात्रा की इजाजत दी गई है। गुरुवार को मध्य व पश्चिम रेलवे द्वारा जारी सयुंक्त बयान में कहा गया कि मुंबई व एमएमआर के विभिन्न कोर्ट में प्रेक्टिस करने वाले वकीलों उनके रजिस्टर्ड क्लर्क के अलावा बाम्बे बार एसोसिएशन, हाई कोर्ट, लॉ लाइब्रेरी से जुड़े कर्मचारियों को मॉर्निंग पीक आवर 8 से लेकर 11 बजे तक  लोकल में वैध टिकट के साथ यात्रा की इजाजत होगी।

शाम के पीक आवर 4 से 7 बजे के बीच यात्रा नहीं कर पाएंगे । इसके पहले भी नॉन पीक आवर में यात्रा की इजाजत दी गई थी। इसके लिए आईडी एवं अन्य शर्ते अनिवार्य की गई हैं । लोकल में परमिशन को लेकर वकीलों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की थी। इस संबंध में राज्य सरकार ने  रेलवे को पत्र देकर वकीलों और कोर्ट से जुड़े कर्मचारियों को लोकल में यात्रा की इजाजत दिए जाने की सिफारिश की थी।