अहमदनगर. महाराष्ट्र (Maharashtra) में अब कोरोना (Corona) के दुसरे लहर के कहर धीरे-धीरे कम पड़ता दिख रहा है। वही अब देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी इस भयानक संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ती दिख रही है। लेकिन वहीं एक बड़ी खबर के अनुसार महाराष्ट्र के अहमदनगर (Ahmadnagar) जिले में अकेले मई के महीने में 8 हजार 881 बच्चों के कोरोना पॉजिटिव आने की खबर ने सब कुछ हिला कर रख दिया है। ये जानकारी खुद अहमदनगर के कलेक्टर ने बीते सोमवार को दी है।
दरअसल बीते सोंवार को उन्होंने बताया कि 0-1 आयुवर्ग के 85 बच्चे, 12 आयुवर्ग के 2 हजार 694 बच्चे, तो वहीं 12 से 18 आयु-वर्ग के 6 हजार 102 बच्चे यानी कुल 8 हजार 881 बच्चे पिछले महीनेभर में कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। वहीं यह भी खबर है कि ज्यादातर मामले जिले के ग्रामीण इलाकों से हैं, जहां संक्रमण फैला था। इन बच्चों और किशोरों को परिवार के उन बुजुर्गों से संक्रमण हुआ है जो शुरू में संक्रमित थे। बता दें कि इनमे से सैकड़ों जॉइंट फैमिली ऐसी हैं जो एक ही छत के नीचे रहते हैं। ऐसे परिवार में यह संक्रमण आसानी से फैल सकता है।
किशोरों ने नहीं किया कोरोना प्रोटोकॉल का पालन :
इस मुद्दे पर जिला कलेक्टर राजेंद्र भोसले ने बताया कि महामारी की दूसरी लहर में कोरोना वायरस बेहद ही खतरनाक हो चूका था। उन्होंने कहा कि, अगर किशोरों में संक्रमण के मामले देखें तो संक्रमित होने वाले किशोरों के एक वर्ग ने प्रतिबंधों का पालन नहीं किया होगा। कोरोना सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किए बिना वे सार्वजनिक स्थानों पर घूमे, जिस कारण वे संक्रमित हुए होंगे।
अगर हम सरकारी आंकडें देखें तो बीते मई के महीने में अहमदनगर में 77 हजार 929 कोरोना के मामले दर्ज किए गए हैं। इधर अब बच्चों में बढ़ते संक्रमण के दर को देखते हुए जिला प्रशासन भी हरकत में आ चूका है। वहीं अब कलेक्टर राजेंद्र भोसले ने बच्चों के इलाज के लिए एक स्वतंत्र बोर्ड बनाने की सूचना भी अधिकारियों को दे दी है।