Medical board to be set up to decide on minor abortion: court

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मुंबई. बम्बई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार और बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (बीएमसी) को एक हलफनामा दायर करके इस बारे में जानकारी मुहैया कराने का निर्देश दिया कि कोविड-19 से जान गंवाने वाले मरीजों के शवों का किस तरह से निपटारा किया जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति अमजद सैयद की एक पीठ भाजपा विधायक आशीष शेलार की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवायी कर रही थी।

शेलार ने याचिका में मध्य मुम्बई के सायन अस्पताल में जिस तरह से शवों को रखा गया, उसका लेकर चिंता जताई है। शेलार ने अपनी याचिका में सरकार और निकाय प्राधिकारियों को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि वे कोरोना वायरस के मरीजों के शवों को उन वार्ड में रखना तत्काल बंद करें, जहां संक्रमित मरीजों का इलाज किया जाता है।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि अस्पताल के कई वीडियो सामने आये हैं जिसमें मृतकों के शव बेड और जमीन पर रखे दिखाये गए हैं। उन्होंने दावा किया कि ये शव उन लोगों के ठीक पास रखे गए हैं, जिनका संक्रमण के लिए इलाज चल रहा है। शेलार ने मामले में एक जांच की मांग की और सरकार एवं बीएमसी को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि वे मृतकों के शव के निपटारे के लिए केंद्र एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करें। पीठ ने सरकार और बीएमसी को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवायी अगले सप्ताह निर्धारित कर दी। (एजेंसी)