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    मुंबई. एक बड़ी खबर के अनुसार महाराष्ट्र में कोरोना काल में बंद हो चुके स्कूलों को अब फिर खोले जाने पर जोरशोर से काम शुरू हो गया है। जी हाँ महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा विभाग (Maharashtra school education department) ने एक संशोधित प्रस्ताव (revised government resolution) में ऐसा निर्णय लिया गया है । इसमें कहा गया है कि जिन इलाकों में बीते 1 महीने में एक भी कोरोना संक्रमित मरीज सामने नहीं आए हैं। वहां अब स्कूल में आगामी 15 जुलाई से कक्षा 8 से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं फिर से शुरू की जा सकती है।

    इस बाबत महाराष्ट्र की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड (Varsha Gaikwad) ने कहा कि, “बिता 1 साल बच्चों के लिए काफी कठिन गुजरा था। हम ऑनलाइन एजूकेशन को बढ़ावा देना अभी भी जारी रखे हुए हैं। हम कोरोना मु्क्त गांवों (corona free villages) में स्कूलों को फिर से शुरू करने की दिशा में भी अब काम कर रहे हैं।”

    इसके साथ ही अब शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि, “पहले कदम के तौर पर जिन गांवों में एक महीने से अधिक समय से कोरोना के मामले सामने नहीं आए हैं और साथ ही ग्राम पंचायतों के नियंत्रण में आने वाले गांवों के स्कूलों में 8वीं से 12वीं तक के लिए कक्षाएं शुरू करने की अनुमति दी जाएगी। हालाँकि इसमें छात्रों को स्कूल में आने के लिए पैरेंट्स की सहमति भी जरूरी है।

    इस सरकारी आदेश में यह भी कहा गया है कि, सभी संबंधित अध्यापकों और स्कूल स्टाफ को दोबारा स्कूल खोलने से पहले कोरोना वैक्सीन लगवाना जरूरी रहेगा। हालाँकि सरकार तीसरी लहर के प्रति संवेदनशील जरुर है। लिहाजा किसी भी तरह की ढि़लाई बरतने के मूड में कोई भी नहीं है। इसके अलावा राज्य सरकार को कोरोना फ्री इलाकों फैसला लेने के लिए स्थानीय कलेक्टरों, स्कूल के प्रधानाचार्यों और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर 8 सदस्यों की एक कमेटी भी बनानी होगी। इस कमेटी का अध्यक्ष ग्राम पंचायत का मुखिया रहेगा।

    इसके साथ ही अब जिला स्तर पर भी एक कमेटी बनाई जाएगी और स्कूलों को फिर से खोलने से पहले इस कमेटी से जरुरी अनुमति लेनी होगी। इस आदेश में आगे यह भी कहा गया है कि स्कूलों को कोरोना के SOP (standard operating procedures) का अवश्य ही पालन करना होगा। साथ ही स्कूल कैंपस में छात्रों का तापमान भी चेक करना होगा। सभी स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग का भी आवश्यक पालन करना होगा। इसके लिए एक कक्षा में कम से 20 छात्रों से अधिक नहीं बैठाना भी जरुरी होगा।