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    मुंबई. आज देश (India) में कोरोना (Corona) कि दूसरी लहर पूरी तरह से हावी होती नजर आ रही है । वहीं अब देश के जिन राज्यों में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है, उनमें महाराष्ट्र (Maharashtra) आज भी सबसे ऊपर है। जिसके चलते अब उद्धव ठाकरे सरकार (Udhhav Thackeray Goverment) द्वारा 15 दिनों के कर्फ्यू (Curfew) की घोषणा की गई है। इस कर्फ्यू की घोषणा के बाद से ही मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिक अपने मूल स्थान की तरफ लौटने लगे हैं। इस दौरान उन्हें कई कठिनाईयों का भी भयंकर सामना कर पड़ रहा है। जिसमे अब घर लौट रहे कुछ मजदूरों ने महाराष्ट्र पुलिस पर जबरन वसूली के गंभीर और घृणित आरोप भी लगाए हैं।

    वहीं अब मध्य प्रदेश के इंदौर जिला में राऊ थाना पुलिस एक NGO की मदद से वापस लौट रहे श्रमिकों की मदद करने में जुटी है। एवं उनके लिए जलपान आदि की व्यवस्था कर रही है।इधर महाराष्ट्र से इंदौर लौटे एक टैक्सी ड्राइवर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि , “हम अपने घरों को लौट रहे हैं क्योंकि कर्फ्यू की घोषणा के बाद आजीविका कमाने की समस्या थी। मैंने पिछले साल भी लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र  से पलायन किया था, लेकिन स्थिति में सुधार होने के बाद वापस लौट गया था।पिछले साल की तरह इस बार भी पुलिस हमसे ही जबरन वसूली करने पर उतारू है।” 

    इधर महाराष्ट्र से लौट रहे अमीन खान (बदला हुआ नाम) ने बताया कि, “हम पुणे से आ रहे हैं। एक यात्री बस ने उनसे प्रति टिकट 2,500-3000 रुपये लिए। फिर भी, उन्होंने हमें महाराष्ट्र की सीमा पर बस से उतार दिया और इन दोनों वाहन पर सवार होने के लिए कहा। बॉर्डर चेकिंग प्वाइंट पर पुलिस और परिवहन विभाग ने भी इन जीपों की अनदेखी की।”

    लेकिन अब तस्वीर का दूसरा पहलु भी है । एक एक सामाजिक कार्यकर्ता शैलेश कुमावत ने कहा कि, “पुलिस प्रशासन की मदद से हमने प्रवासी लोगों को कुछ राहत प्रदान करने के लिए यहाँ  तम्बू लगाया है।” उन्होंने कहा, “भोजन और आराम करने के लिए जगह के अलावा, यहां आने वालों के लिए डॉक्टर और दवाइयां भी उपलब्ध हैं। यदि आवश्यकता होती है, तो हमने अस्पताल से भी मदद लेते हैं। यहां आने वाले लोगों को थका हुआ होने पर भोजन और आश्रय की दोनों की ही बहुत आवश्यकता होती है।”

    गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा बढ़ते CORONA मामलों के मद्देनजर बुधवार से राज्य में धारा 144 लागू करने की घोषणा के बाद, कई प्रवासी श्रमिक अपने मूल स्थानों पर फिर से लौटने लगे हैं। इतना ही नहीं राज्य में धारा 144 लागू  होने से प्रवासी श्रमिकों को मुंबई में लोकमान्य तिलक टर्मिनस सहित शहर के कई जगहों पर अपने गृह राज्यों के लिए रवाना होने के लिए भीड़ लगाते देखा गया।