मुंबई. महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Goverment) ने रेमेडिसिविर इंजेक्शन (Remedesivir Injection) की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने और इसकी जमाखोरी और काला बाजारी रोकने के लिए जिला-स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का निर्णय लिया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
रेमेडिसिविर को कोविड-19 से लड़ाई में अहम दवाई माना जाता है, खासकर उन वयस्क मरीजों में यह असरदार होती है जिन्हें संक्रमण के कारण गंभीर जटिलताएं हो जाती हैं। राज्य को दवा से संबंधित कई मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें मांग-आपूर्ति में अंतर, दवा की दुकानों द्वारा इंजेक्शन की जमाखोरी और कालाबाजारी, अधिक कीमत और कुछ डॉक्टरों द्वारा यह दवा बेवजह लिखकर देना शामिल है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य सेवा आयुक्त रामस्वामी एन ने नौ अप्रैल को लिखे एक पत्र में राज्य के भी जिलाधिकारियों से नियंत्रण कक्षों को स्थापित करने को कहा है ताकि इस अहम दवाई की व्यवस्थित तरीके से आपूर्ति की जा सके। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हाल ही में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख, खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) मंत्री राजेंद्र शिंगने और शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ स्थिति की समीक्षा की।
सरकार ने अधिकारियों से रेमेडेसिविर की प्रत्येक शीशी की कीमत 1,100 से 1,400 रुपये के बीच तय करने को कहा है और एक दर्जन से अधिक फार्मास्यूटिकल कंपनियों से इस दवाई का उत्पदान बढ़ाने और इसकी अधिकतम खुदरा कीमत कम करने का आग्रह किया है। रामस्वामी ने एफडीए को जरूरत पड़ने पर राज्य स्तर के नियंत्रण कक्ष से संपर्क करने और दवा की आपूर्ति के संबंध में कोई भी मसला होने पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।