SCORPIO-ANTILIA
File Photo

    Loading

    मुंबई. खबरों के अनुसार अब रिलायंस समूह (Reliance Group)  के मालिक मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर के पास जिलेटिन से भरी हुई कड़ी स्कॉर्पियो (Scorpio) के मिलने से और इसके मालिक हिरेन मनसुख (Hiren Mansukh0 की मौत का रहस्य भी अब और गहरा गया है। गौरतलब है कि मुंब्रा खाड़ी से जब मनसुख का शव बहार निकाला गया तो वह मास्क पहने हुए थे और मास्क के अंदर से करीब 6-7 रूमाल ठूंसे हुए मिले।

    हत्या की आशंका :

    इससे अब उनकी हत्या की भी आशंका जताई जा रही है।  लेकिन वहीं उनके पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर किसी भी तरह का कोई भी जख्म का उल्लेख नहीं है। इस प्राथमिक रिपोर्ट में उनके पानी में डूबने से मौत होने की बात की पुष्टि हुई है। वहीं, अब ATS ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है।

    इधर विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि जब हिरेन का शव खाड़ी से निकाला गया तो उनके दोनो हाथ भी बंधे थे। क्या दोनो हाथ बांधकर कोई आत्महत्या कर सकता है। इसके साथ ही उन्होंने हिरेन के मास्क के अन्दर  6-7 रूमाल ठूंसे होने पर भी अपना शक जारी किया।

    हिरेन के परीजनों का उनका शव लेने से इनकार:

    इधर बीते शनिवार को दोपहर के बाद पोस्टमार्टम के बाद हिरेन का शव उनके परिवार को सौंपने की कवायद शुरू हुई थी। इसी क्रम में जब ठाणे पुलिस उपायुक्त अविनाश अंबोरे पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेकर हिरेन के घर भी पहुंचे। लेकिन उनके परिवार ने पोस्टमार्टम पर सवाल उठाते हुए शव लेने से साफ़ इनकार कर दिया।

    हिरेन के परिवार का कहना है कि मृतक के नाक पर गहरे घाव हैं लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका तो कोई भी जिक्र नहीं है। मृतक हिरेन के परिवार के साथ ही ठाणे व्यापारी संघ ने भी इस मामले की अब उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

    क्राइम ब्रांच के बुलावे पर पहुंचे थे हिरेन मनसुख : 

    इसके साथ ही हिरेन की पत्नी विमला हिरेन का कहना है कि उनके पति कभी भी आत्महत्या नहीं कर सकते। वहीं विमला का यह भी कहना है कि उनके पति कांदिवली क्राइम ब्रांच के तावड़े नामक एक पुलिसकर्मी के बुलाने पर गए भी थे। लेकिन उसके दूसरे ही दिन उनका शव खाड़ी में मिला। उन्होंने कहा कि उक्त स्कॉर्पियो के अंबानी के घर के पास मिलने के बाद पुलिस किसी भी वक्त उनके पति को पूछताछ के लिए बुलाती थी।

    मौत से 3 दिन पहले हिरेन ने CM उद्धव को लिखा था पत्र:

    गौरतलब है कि स्कॉर्पियो गाड़ी के सिलसिले में पुलिस पर प्रताड़ित करने का संगीन आरोप लगाते हुए हिरेन ने अपनी मौत से तीन दिन पहले यानी बीते 2 मार्च को मुख्यमंत्री उद्धव, गृहमंत्री और ठाणे पुलिस आयुक्त को भी एक पत्र लिखा था। अपने इस पत्र में हिरेन ने पत्र में लिखा है कि स्वयं के पीड़ित होने के बावजूद उन्हें बार-बार पुलिस द्वारा पूछताछ कर परेशान किया जा रहा है और एक आरोपी की तरह भी उनसे व्यवहार किया जा रहा है।

    शिवसेना का CM बनते ही सचिन वाजे पुलिस सेवा में कैसे : मनसे  

    इधर पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की भूमिका को लेकर विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के बाद अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने भी यह सवाल उठाया है। MNS नेता व पूर्व पार्षद संदीप देशपांडे ने यह भी कहा कि शिवसेना का मुख्यमंत्री बनते ही सचिन वाजे अचानक पुलिस सेवा में कैसे आए। उन्हें ही इस केस की जांच क्यों सौंपा गया है और शिवसेना और वाजे का आपस में क्या लिंक है। ऐसे प्रश्न उन्होंने किये।