nitish rane

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मुंबई. वर्तमान में राज्य में कोरोना मरीज़ों की संख्या बढ़ने की रफ़्तार तेज हो गई है। इस बीच कई कोरोना के मरीज़ निजी अस्पतालों से इलाज करा रहे हैं। लेकिन निजी अस्पतालों में भर्ती हुए मरीज़ों के बिल को लेकर काफ़ी शिकायतें सामने आ रही हैं। इसलिए बीजेपी विधायक नितेश राणे ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे को पत्र लिखा है। राणे ने पत्र द्वारा स्वास्थ्य मंत्री से राज्य में सभी कोविड अस्पतालों को अनिवार्य रूप से कैशलेस करने की मांग की है। 

राणे ने पत्र में लिखा कि, “वर्तमान में कोरोना महामारी पर कोई इलाज नहीं आया है। साथ ही राज्य में पिछले 5 महीनों से केवल लॉकडाउन ही एकमात्र विकल्प बना हुआ है। हालांकि, लॉकडाउन के कारण राज्य में कई लोगों ने अपना रोजगार खोया, जिसके पास रोजगार है, उनके वेतन में कटौती की जा ही है। केवल कुछ ही कंपनियां अपने कर्मचारियों को पूरा वेतन दे रही हैं। ऐसी स्थिति में राज्य में लोगों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।” 

उन्होंने कहा, “लोगों के पास स्वास्थ्य बिमा होने के बावजूद कोविड अस्पताल कैशलेस सुविधा नहीं दे रहे हैं। स्वास्थ्य बिमा में किट और कीटाणुशोधन के पैसे जोड़े नहीं जा रहे हैं, निजी कोविड अस्पताल में भर्ती होने से पहले 50 हजार से 1 लाख रूपये तक डिपॉज़िट जमा करना पड़ता है। कुछ अस्पताल मरीज़ों के परिजनों को इंजेक्शन की व्यवस्था करने के लिए कह रहे हैं, इसलिए वह भी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। इसलिए लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।” 

राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 5 लाख 35 हजार 601 पर पहुंची है। इनमें से 3 लाख 68 हजार 435 मरीज़ों को डिस्चार्ज दिया गया और वर्तमान में 1 लाख 48 हजार 553 एक्टिव केसेस हैं। वहीं राज्य में अब तक कुल 18 हजार 306 मरीज़ों की मौत हो चुकी है।