No harm to Kovishield CM Uddhav Thackeray

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पुणे. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) ने सीरम संस्थान (Serum Institute of India) का दौरा कर वहां लगी आग के स्थान का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना टीका जहां रखी गई है, वह इलाका सुरक्षित है। आग दूसरे इमारत में लगी थी. वहां के 2 मंजिलें इस्तेमाल किए जा रहे हैं। तीसरे मंजिल पर आग लग गई थी। वह केंद्र कोरोना टीका से दूर है। टीका को कोई नुकसान नहीं हुआ है। इस आग की जांच चल रही है।

जांच चल रही है

मुख्यमंत्री ने कहा कि आग (Fire) की रिपोर्ट के बाद बातें सामने आएंगी। इसकी जांच चल रही है। उसके बाद ही कुछ नतीजे सामने आएंगे. ऐसा भी मुख्यमंत्री ने कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना टीका जहां रखी गई है, वह इलाका सुरक्षित है। आग दूसरे इमारत में लगी थी। वहां के दो मंजिलें इस्तेमाल किए जा रहे हैं। तीसरे मंजिल पर आग लग गई थी। वह केंद्र कोरोना टीका से दूर है।

काफी वित्तीय नुकसान : पूनावाला 

सीरम के सीईओ आदर पूनावाला (Adar Poonawalla) ने कहा कि जहां आग लगी वहां दूसरे प्रोडक्ट का काम चल रहा था। नए प्रोडक्ट्स, बीसीजी का टीके का नुकसान हुआ है। हम कोशिश कर रहे हैं कि रिप्रोडक्शन कैसे किया जाए। पूनावाला ने कहा कि इसमें काफी वित्तीय नुकसान हुआ है। कोविशिल़ड को कोई डैमेज नहीं है। दूसरी इमारत में दूसरे टीका का नुकसान हुआ है। 

गुरुवार को लगी थी आग 

दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता, पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट में आग कैसे लगी? इसका पता लगाया जा रहा है। क्या आग यहां दुर्घटना है या दुर्घटना है? अब जांच चल रही है।  इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी इसी मुद्दे पर चर्चा हो रही है।  आग की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस घटना के बारे में चर्चा हुई। पिछले कुछ महीनों से दुनिया का ध्यान कोरोना निवारक वैक्सीन, कोविशिल्ड सीरम पर केंद्रित है। इस वैक्सीन का वितरण देश भर में 12 जनवरी से शुरू हुआ। केवल नौ दिनों में सीरम की परियोजना में आग लग गई।  वैक्सीन के वितरण और घटना के बीच कोई संबंध है या नहीं, इस बात की जांच चल रही है। दुनिया भर के 170 देशों में विभिन्न बीमारियों के खिलाफ टीके की आपूर्ति करने वाले इस संगठन ने आग कैसे लगी? इसका पता लगाया जा रहा है। यहां धूम्रपान पर प्रतिबंध है, यहां तक ​​कि मोबाइलों को भी अनुमति नहीं है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि आग के कारणों की सभी स्तरों पर जांच की जा रही है। सीरम की स्थापना के बाद से यानी 1966 से अब तक मामूली आग की घटनाएं संस्था में हुई हैं। हालांकि संगठन के वरिष्ठ अधिकारियों ने सूचित किया है कि यह पहली बार है जब इतनी बड़ी आग लगी है।