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शरद पवार और अजित पवार (फाइल फोटो)

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मुंबई. केंद्र सरकार द्वारा अचानक प्याज के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध का असर राज्य में दिखने लगा है। प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध से किसान चिंतित हो गए हैं। वहीं राज्य में कई स्थानों पर निर्यात प्रतिबंध के खिलाफ आंदोलन किए जा रहे हैं। इसके बाद अब राष्ट्रवादी के सर्वेसर्वा शरद पवार के नेतृत्व में राज्य सरकार का प्रतिनिधिमंडल प्याज निर्यात प्रतिबंध हटाने के लिए केंद्र से मुलाकात करेगा। यह जानकारी कृषि मंत्री दादा भुसे ने दी है। 

कृषिमंत्री ने कहा, “राज्य मंत्रिमंडल में प्याज पर चर्चा की गई। केंद्र सरकार के प्रतिबंध पर मंत्रिमंडल ने चिंता जताई। इसलिए, शरद पवार के साथ महाराष्ट्र का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार से मुलाकात करेगा। पवार के साथ उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और कुछ अन्य मंत्री भी दिल्ली जाएंगे।”

दूसरी ओर विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर प्याज निर्यात प्रतिबंध हटाने की मांग की है। वहीं कल शरद पवार भी दिल्ली में पीयूष गोयल से मिले थे। 

अजित पवार ने प्याज के निर्यात प्रतिबंध पर केंद्र सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया प्याज निर्यात प्रतिबंध गलत है। हम इसका विरोध करते हैं। जब किसानों को दो पैसे अधिक मिल रहे हैं, फिर भी निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया। इससे पता चलता है कि, केंद्र सरकार किसानों के खिलाफ है।” 

अजित पवार के साथ-साथ राज्य में कांग्रेस ने भी प्याज निर्यात प्रतिबंध का विरोध किया। साथ ही बीजेपी के विधायक उदयनराजे भोसले ने भी केंद्र के इस फैसले का विरोध किया है। भोसले ने कहा कि, कोरोना संकट काल में प्याज निर्यात प्रतिबंध प्याज उगाने वाले किसानों के लिए चौंकाने वाला है। इस संबंध में पियूष गोयल को एक पत्र भी लिखा था।