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    मुंबई: महाराष्ट्र कांग्रेस ने सोमवार को पूछा कि क्या पिछली भाजपा नीत राज्य सरकार के दौरान इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर राज्य में जासूसी और फोन टैपिंग हुई थी।  प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने मामले की जांच की मांग की है। सावंत ने पूछा, “क्या पेगासस कांड महाराष्ट्र में भी हुआ था?” उन्होंने एक बयान में कहा कि राज्य की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए। कांग्रेस राज्य में शिवसेना और राकांपा के साथ सरकार में शामिल है।  

    गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हों। 

    यह रिपोर्ट रविवार को सामने आई है। सरकार ने अपने स्तर पर खास लोगों की निगरानी संबंधी आरोपों को खारिज किया है। सरकार ने कहा,‘‘ इसका कोई ठोस आधार नहीं है या इससे जुड़ी कोई सच्चाई नहीं है।” सावंत ने कहा कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के दौरान (वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी) रश्मि शुक्ला द्वारा कथित “अनधिकृत फोन टैपिंग” का मामला पहले ही सामने आ चुका है।     

    उन्होंने दावा किया “लेकिन, पेगासस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल की भी खबरें आई हैं।” कांग्रेस नेता ने पूछा कि क्या राज्य सचिवालय में कोई आईपीएस अधिकारी इस पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर फोन टैपिंग का मुद्दा और इसमें मोदी सरकार की संभावित भूमिका देश के लिए बेहद गंभीर मामला है। (एजेंसी)