मुंबई. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने राष्ट्र को संबोधित किया। जिसके बाद महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी के कुछ नेताओं ने मोदी के भाषण की आलोचना की। राष्ट्रवादी कॉग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने नाराज़गी व्यक्त की है। पाटिल ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को देश के लोगों का मोहभंग करके निराश किया।”
प्रिय मोदीजी,
आपण देशातील जनतेला या संकटकाळात मदत कराल. सणासुदीच्या पार्श्वभूमीवर गरीब माणसाच्याही पाठीशी खंबीरपणे उभे राहाल, अशी अपेक्षा होती.
आपण मात्र या संकट काळात जनतेला हलाखीच्या परिस्थितीत सोडलं आणि स्वतःच्या जबाबदारीपासून हात झटकले!
— Balasaheb Thorat (@bb_thorat) October 20, 2020
पाटिल ने ट्वीट में लिखा कि, ऐसा लगा था कि, “प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को जनता से कुछ नया बताएंगे, कोरोना और आर्थिक संकट से छुटकारा पाने के लिए कुछ मार्गदर्शन करेंगे, महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण किसानों का नुकसान हुआ उन्हें कुछ राहत देंगे। हालांकि इसमें से कुछ भी नहीं किया। उन्होंने महाराष्ट्र के किसानों समेत देश को निराश किया।”
प्रिय मोदीजी,
आपण देशातील जनतेला या संकटकाळात मदत कराल. सणासुदीच्या पार्श्वभूमीवर गरीब माणसाच्याही पाठीशी खंबीरपणे उभे राहाल, अशी अपेक्षा होती.
आपण मात्र या संकट काळात जनतेला हलाखीच्या परिस्थितीत सोडलं आणि स्वतःच्या जबाबदारीपासून हात झटकले!
— Balasaheb Thorat (@bb_thorat) October 20, 2020
दूसरी ओर राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने भी प्रधानमंत्री के भाषण पर नाराजगी जताई। थोराट ने कहा, “आप से उम्मीद थी की इस संकट की घडी में जनता को मदद करेंगे, त्योहारों के पहले गरीब जनता के साथ डटकर खड़े रहेंगे। लेकिन अपने कोरोना और बाढ़ के संकट में जनता को उनके हाल पर छोड़कर खुद की ज़िम्मेदारी से पीछा छुड़ाया।”
क्या कहा प्रधानमंत्री ने?
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू (Janta Curfew) से लेकर आज तक हम भारतवासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है. समय के साथ आर्थिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही हैं. हम में से अधिकांश लोग अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए फिर से रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं.”
– संभली हुई स्थिति को बिगड़ने नहीं देना है
– लापरवाही बरत कर बच्चों और बुजुर्गों को बड़े संकट में डाल रहे
– देश में रिकवरी की दर अच्छी
– भारत में 90 लाख से अधिक बेड की सुविधा
– लोग अब सावधान नहीं
– कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम