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    सांगली (महाराष्ट्र): शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान (Shiv Pratishthan Hindustan) के संस्थापक संभाजी भिड़े (Sambhaji Bhide) एक बार फिर अपने विवादित बयान के कारण सुर्खियों में आ गए हैं। संभाजी भिड़े ने कोरोना और कोरोना संक्रमणों को रोकने के लिए लागू मिनी लॉकडाउन के बारे में बोलते हुए एक अपशब्द बोला। भिड़े ने कहा, “कोरोना कोई बीमारी नहीं है। इससे मरने वाले लोग जीने लायक नहीं हैं।” 

    भिड़े ने कहा कि, शराब की दुकानों को अनुमति दी जाती है और कही कोई कुछ बेचने बैठा है तो पुलिस उन्हें लाठी मारती है। क्या चल रहा है यह अक्षमता है। लोगों को विद्रोह करना चाहिए और ऊपर उठना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को उखाड़ कर फेंक देना चाहिए।

    भिड़े ने कहा, “मैं कोई राजनीतिक आदमी नहीं हूं, मेरे जैसे अनगिनत लोग पूरे देश में परेशान हैं। यह मूर्खता शुरू हो है। कोरोना कोई बीमारी नहीं है। यह गांxxx बुद्धि वाले लोगों की बीमारी है।” ऐसा कहते भिड़े गुरूजी ने अपशब्द कह दिए। भिड़े गुरूजी ने आगे कहा, “कौन से बुद्धिमान व्यक्ति ने यह नकाब पहनने का सिद्धांत निकाला है? मास्क पहनने की कोई जरूरत नहीं है।”

    उन्होंने कहा कि, किसी लॉकडाउन की आवश्यकता नहीं है। भिड़े ने कोरोना के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि, कोरोना के नाम से देश और राज्य में एक खेल खेला जा रहा है। जो लोग जीना चाहते हैं वे जीवित रहेंगे, जो लोग मारना चाहते हैं वे कोरोना से मर जाएंगे। सरकार को कुछ नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को उनके हाल पर छोड़ देना चाहिए।