Shiv Sena expressed surprise over not making public the information related to the clash in Galvan valley

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मुंबई. शिवसेना ने गलवान घाटी में झड़प संबंधी जानकारी सार्वजनिक नहीं किए जाने पर बृहस्पतिवार को हैरानी जताते हुए कहा कि चीनी सैनिकों के भारतीय क्षेत्र में घुस आने की बात यदि सच है तो यह देश की सम्प्रभुता पर हमला है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय में कहा कि पिछले छह साल से यह दावा किया जा रहा है कि भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और मजबूत हुआ है। पार्टी ने कहा, ‘‘लेकिन इस समय पाकिस्तान, नेपाल और अब चीन ने हम पर सीधा हमला किया है। पड़ोसियों के साथ हमारे संबंध अच्छे नहीं है और यह हैरान करने वाली बात है कि हमारे नेता दुनिया जीतने के दावे कर रहे हैं।’ सामना में कहा गया, ‘‘सर्जिकल हमले के बाद भी पाकिस्तान का रवैया नहीं बदला है। चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता और उसे धोखा देने के लिए जाना जाता है और यदि नेपाल भी भारत विरोधी रुख अपना लेगा तो हमारे देश के लिए स्थिति अच्छी नहीं है।”

पार्टी ने सवाल किया कि सीमा पर खासकर मौजूदा समय में कोई तनाव नहीं चाहता है, लेकिन क्या 20 जवानों का बलिदान व्यर्थ जाने दिया जाना चाहिए? उसने कहा, ‘‘यदि कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की गई, तो मोदी की छवि को धक्का लगेगा।” शिवसेना ने कहा कि सरकारी सूत्रों के अनुसार, गलवान घाटी में हुई झड़प में चीन का एक कमांडिग ऑफिसर और 30 से 40 जवान मारे गए हैं। उसने कहा, ‘‘क्या हमें इस बात पर खुश होकर तालियां बजानी चाहिए? यदि यह बात सच है कि चीनी हमारे क्षेत्र में घुसे, तो यह हमारी सम्प्रभुता पर हमला है। यह हैरानी की बात है कि हमारे 20 जवानों के शहीद होने के बाद भी इस घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।” शिवसेना ने कहा कि अमेरिका और चीन कोरोना वायरस वैश्विक महामारी संक्रमण को लेकर आपस में लड़ रहे हैं, लेकिन अमेरिका ‘‘चीनी मिसाइलों की जद में नहीं आता”।

पार्टी ने कहा, ‘‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि चीन हमारा पड़ोसी है।” उसने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी बाजपेयी ने सीमा पर शांति बनाए रखने की कोशिश की क्योंकि सीमा पर तनाव होने की कीमत देश को चुकानी पड़ती है। शिवसेना ने कहा, ‘‘यह कहना आसान है कि पड़ोसी देश को लेकर नेहरू की असफल विदेश नीति के कारण चीन के साथ तनाव की स्थिति पैदा हुई है, लेकिन चीन के साथ लगती सीमा पर हमारे जवानों की जान जाने से रोकना मोदी सरकार का दायित्व है।”(एजेंसी)