Shiv Sena saffron on Jalgaon Municipal Corporation, Big shock to BJP and Girish Mahajan

  • शिवसेना को मिला एमआईएम का भी साथ
  • महाविकास आघाड़ी के घटक दलों में उत्साह
  • एकनाथ खड़से, एकनाथ शिंदे, पालक मंत्री गुलाबराव पाटिल की रणनीति सफल

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मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) की सत्ता से हटने के बाद भाजपा (BJP) को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। सांगली-मिरज-कुपवाड महानगरपालिका पर पिछले माह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने कब्जा जमाया था। अब जलगांव (Jalgaon) में शिवसेना (Shiv Sena) ने भाजपा को जोरदार पटखनी दी है। सांगली पैटर्न (Sangli Pattern) के तहत ही शिवसेना ने जलगांव महानगरपालिका (Jalgaon Municipal Corporation) पर कब्जा जमा लिया है। शिवसेना की जयश्री महाजन (Jayashree Mahajan) महापौर एवं भाजपा से बगावत करने वाले कुलभूषण (Kulbhushan) उप महापौर निर्वाचित हुए हैं। यही नहीं शिवसेना को असुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम (MIM) का भी साथ मिला है। 

जलगांव महानगरपालिका पर शिवसेना का भगवा फहरने से महाविकास आघाड़ी के घटक दलों के कार्यकर्ताओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। आघाड़ी के नेताओं का कहना है कि इस पैटर्न को पूरे महाराष्ट्र में सफल किया जायेगा। शिवसेना की जीत से भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री गिरीश महाजन को बड़ा झटका लगा है।

ऑनलाइन पद्धति से कराया गया महापौर का चुनाव

जलगांव के महापौर का चुनाव गुरुवार को ऑनलाइन पद्धति से कराया गया।75 सदस्यीय महानगरपालिका में शिवसेना की उम्मीदवार जयश्री महाजन को निर्वाचित घोषित किया गया। उन्हें 45 वोट मिले जबकि भाजपा की प्रतिभा कापसे को 30 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा। पिछले मनपा चुनाव में भाजपा के 57 नगरसेवक निर्वाचित हुए थे, जबकि शिवसेना को 15 सीटों पर ही सफलता मिली थी। 3 स्थानों पर एमआईएम के उम्मीदवार निर्वाचित हुए थे। मनपा में भाजपा को पूर्ण बहुमत था, लेकिन महापौर चुनाव के चार दिन पहले ही भाजपा के 27 नगरसेवक एक साथ पिकनिक मानने चले गए थे। उनके फोन पर संपर्क नहीं हो पा रहा है। जिसके बाद से ही कयास लगाया जा रहा था कि जलगांव मनपा पर शिवसेना का झंडा फहरेगा। गुरुवार को यह कयास सच साबित हुआ।

10 दिन में तैयार हुई रणनीति 

भाजपा छोड़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री एकनाथ खड़से ने कहा कि भाजपा का पूर्ण बहुमत होने के बावजूद उसे धूल चटाने की रणनीति 10 दिनों में तैयार की गई। इस प्लान के बारे में अधिक लोगों को जनकारी नहीं थी। बहुमत होने के बावजूद काम नहीं होने एवं भ्रष्टाचार की वजह से नगरसेवक नाराज थे। जिसकी वजह से हमें बहुत अधिक कुछ नहीं करना पड़ा। 10 दिन पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से चर्चा हुई थी। उनको हमने बताया कि आप उम्मीदवार देंगे तो हम मदद करेंगे। उसके बाद नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे एवं विनायक राउत से चर्चा हुई और प्लान तैयार हुआ। स्थानीय भाजपा पदाधिकारियों में गिरीश महाजन को लेकर बड़ी नाराजगी है। जिसका फायदा हमें मिला।