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    मुंबई. शिवसेना (Shiv Sena) ने बुधवार को कहा कि उसने राजनीतिक संबंधों की परवाह किये बगैर हमेशा व्यक्तिगत संबंधों को महत्व दिया है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के बीच मंगलवार की मुलाकात व्यक्तिगत संबंधों के साथ-साथ प्रोटोकॉल का भी हिस्सा थी। प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक के बाद, ठाकरे ने मंगलवार को कहा था कि इस तरह की बातचीत करने में कुछ भी गलत नहीं है।

    उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा था कि वह पाकिस्तानी नेता नवाज शरीफ से मिलने नहीं गए थे। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ (Saamana) में एक संपादकीय में कहा गया है, ‘‘मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा राजनीतिक कारणों से नहीं था। जो लोग इसमें राजनीति देखते हैं….. उन्हें अपनी सोच से खुश होने दें। इस बैठक को लेकर बहुत सारी अटकलें होंगी। हम केवल यह उम्मीद करते हैं कि महाराष्ट्र के साथ लंबित मुद्दे केंद्र जल्द हल करे।” ठाकरे ने अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था जिसमें उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजित पवार, और कांग्रेस के नेता अशोक चव्हाण शामिल थे।

    प्रतिनिधिमंडल ने मोदी से मुलाकात की थी और राज्य से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई थी। यह बैठक डेढ़ घंटे चली थी और ठाकरे ने प्रधानमंत्री के साथ अकेले में भी बैठक की थी। संपादकीय में महाराष्ट्र में भाजपा नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए कहा गया है कि उन्हें बैठक के संदर्भ में “मोदी-ठाकरे संबंधों की प्रकृति” को समझने की कोशिश करनी चाहिए। इसमें कहा गया है, ‘‘हमें इस बात में संदेह नहीं है कि माहौल अच्छा था और बैठक एक दोस्ताना और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई थी।” किसी भी राज्य का नाम लिए बिना शिवसेना ने कहा कि मोदी और ठाकरे के बीच बैठक इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि केंद्र और महाराष्ट्र के बीच कोई गतिरोध नहीं है। संपादकीय में कहा गया है, ‘‘महाराष्ट्र के वर्तमान मुख्यमंत्री का दृढ़ मत है कि राज्य को उसका सही हिस्सा मिलना चाहिए।”