There is no unanimous agreement on Vikas Dubey encounter

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मुंबई. जहां विकास दुबे एनकाउंटर पर राजनीतिक दल विभिन्न तरीके से मिर्जापुरसी कर रहे हैं वहीं इस पूरे प्रकरण पर बीजेपी और योगी आदित्यनाथ के साथ शिवसेना खड़ी दिखाई दे रही है। शिवसेना के कद्दावर नेता संजय राउत ने उत्तर प्रदेश पुलिस का साथ देते हुए कहा कि विकास दुबे का एनकाउंटर सही था।

राउत ने ट्वीट किया- “उत्तर प्रदेश में 8 पुलिसकर्मी ऐसे मारे जाते हैं। ऐसे में राज्य सरकार के पास और कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है सिवाय एनकाउंटर के। अगर पुलिस ने एनकाउंटर किया है तो किसी को भी सवाल नहीं उठाना चाहिए फिर चाहे वह मीडिया हो, राजनीतिक दल या फिर मानवाधिकार आयोग। इस बात की जांच करें लेकिन राजनीतिकरण बिलकुल नहीं करें।” उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में एक असामाजिक तत्व जो गुंडों का एक गिरोह चलाता है, और ऐसा आदमी जब पुलिस पर हमला करता है, उनमें से आठ को मारता है। ऐसे गुंडे को कतई माफ नहीं किया जा सकता है। 

ग़ौरतलब है कि कुख्यात अपराधी एवं कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार सुबह कानपुर के भौती इलाके में कथित पुलिस मुठभेड़ मे मारा गया था। इस एनकाउंटर पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे के मुठभेड़ में मार गिराए जाने पर  शुक्रवार को सवाल किया था  कि अपराधी का अंत हो गया, लेकिन अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या होगा।

उन्होंने ट्वीट किया था , ‘‘अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?” उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है। राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है। कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई।कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं, ये सच सामने आना चाहिए।सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जांच होनी चाहिए।

अब जहां एक तरफ कांग्रेस इस एनकाउंटर पर सवाल उठा रही है वहीं शिवसेना इस मुद्दे पर बीजेपी और उत्तर प्रदेश सरकार के साथ खड़ी है। इसके साथ ही संजय राउत के इस बयान से यह मामला तो साफ़ हो रहा है कि महाविकास अघाड़ी में एकमत नहीं है।