Uddhav Thackeray
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मुंबई. महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Goverment) ने शक्ति (Shakti) मसौदा विधेयक को मंगलवार को राज्य के विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेज दिया। इस विधेयक में बलात्कार, तेजाब हमला और महिलाओं तथा बच्चों के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री सोशल मीडिया पर डालने जैसे अपराधों के लिए मृत्यु दंड एवं 10 लाख रुपये तक के जुर्माने समेत कठोर सजाओं का प्रावधान किया गया है।

आंध्र प्रदेश के दिशा अधिनियम की तर्ज पर तैयार इस विधेयक में 15 दिन के भीतर जांच पूरी कर आरोप पत्र दायर करने और 30 दिन में सुनवाई पूरी करने का भी प्रावधान है। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को विधानमंडल के दो दिवसीय सत्र के पहले दिन महाराष्ट्र शक्ति आपराधिक कानून (महाराष्ट्र संशोधन) अधिनियम, 2020 और महाराष्ट्र विशिष्ट विशेष अदालत (शक्ति कानून के तहत महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध अपराधों के वास्ते) विधेयक पेश किए थे।

मंगलवार को सत्र के अंतिम दिन सरकार ने विधेयक को विधानमंडल की संयुक्त प्रवर समिति को भेजने की विपक्ष की मांग को स्वीकार कर लिया। देशमुख ने विधान परिषद को बताया, ”विधेयक को 21 सदस्यीय समिति के पास भेजा जाएगा।” समिति के प्रमुख राज्य के गृह मंत्री होंगे। इसमें दोनों सदनों के सदस्य शामिल होंगे। समिति विधानमंडल के अगले सत्र में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।