Bse Sensex reaches near 50,000 mark

  • मि़डकैप और स्मालकैप शेयरों में मुनाफावसूली दबाव
  • बाजार में तेजी के साथ बढ़ता जोखिम

Loading

मुंबई. विदेशी निवेशकों की जोरदार लिवाली के चलते भारतीय शेयर बाजारों में शानदार तेजी का दौर जारी है। सोमवार को दोनों प्रमुख शेयर सूचकांक बीएसई सेंसेक्स (Sensex) और एनएसई निफ्टी (Nifty) ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गए। 30 लार्जकैप शेयरों वाला सेंसेक्स पहली बार 49,000 के आंकड़े के पार हुआ, सेंसेक्स 486 अंकों की तेजी के साथ 49,269 अंक पर बंद हुआ। 

वहीं 50 लार्जकैप शेयरों वाला निफ्टी 137 अंक बढ़कर 14,485 अंक की रिकार्ड ऊंचाई पर बंद हुआ। हालांकि आज के कारोबार में चौतरफा तेजी नहीं आई। मि़डकैप और स्मालकैप शेयरों में ऊंचे मूल्यों पर मुनाफावसूली दबाव बनने से गिरावट देखी गई।

TCS का मार्केट कैप 12 लाख करोड़ के पार

सेंसेक्स और निफ्टी की भारी तेजी में सबसे ज्यादा योगदान आईटी, ऑटो, बैंक और ऑयल कंपनियों के शेयरों ने दिया। तीसरी तिमाही के उम्मीद से बेहतर नतीजों के कारण टाटा ग्रुप की शीर्ष कंपनी टीसीएस के शेयर में 55 रुपए की तेजी आई और यह 3224 रुपए की नई ऊंचाई छूने के बाद 3175 रुपए पर बंद हुआ। इसका बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) पहली बार 12 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचा। इसी के साथ टीसीएस देश की रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के बाद दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है। हालांकि रिलायंस के शेयर में आज गिरावट आई और इसका शेयर 36 रुपए घटकर 1897 रुपए रह गया। अध्यक्ष मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की स्वास्थ्य संबंधी खबरों के कारण रिलायंस का शेयर विगत 3 महिनों से दबाव में है। 14 अक्टूबर 2020 को इसका शेयर 2287 रुपए की नई ऊंचाई पर पहुंचा था, लेकिन उसके बाद से यह लगातार दबाव में है। हालांकि रिलायंस का बाजार पूंजीकरण अब भी सबसे ज्यादा 12.02 लाख करोड़ रुपए है।      

HCL, इंफोसिस, बजाज ऑटो नई ऊंचाई पर

आज के कारोबार में टीसीएस के अलावा एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इंफोसिस, एचडीएफसी, मारूति सुजुकी, टेक महिंद्रा, बजाज ऑटो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, ओएनजीसी, हिंदुस्तान यूनीलीवर और एचडीएफसी बैंक में आई। एचसीएल, इंफोसिस, एचडीएफसी, टेक महिंद्रा और बजाज ऑटो के शेयर अच्छे तिमाही नतीजों की उम्मीद में नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए।

मिडकैप नई ऊंचाई छूने के बाद गिरा

आज के कारोबार बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, एसबीआई, रिलायंस, एलएंडटी, कोटक बैंक और एनटीपीसी गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे। इनमें ऊंचे मूल्यों पर निवेशकों की मुनाफावसूली से 1 से 2% की गिरावट आई। इन लार्जकैप शेयरों के अलावा मिड और स्मालकैप शेयरों में भी गिरावट दर्ज हुई। बीएसई का मिडकैप (Midcap) 19249 अंक की नई ऊंचाई छूने के बाद 14 अंकों की गिरावट के साथ 19,124 अंक पर बंद हुआ। स्मालकैप (Smallcap) इंडेक्स भी 32 अंक घटकर 19124 अंक रह गया। इनके अलावा हिंडाल्को, वेदांता और JSW सहित अधिकांश मेटल शेयरों में जारी तेजी को ब्रेक लगा और ग्लोबल मार्केट में मेटल कीमतों में गिरावट की खबरों से यहां मेटल शेयरों में भी गिरावट आई।   

विदेशी लिवाल, घरेलू निवेशक बिकवाल

अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPI) ने सोमवार को 3138 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीद की। जहां विदेशी निवेशक लगातार खरीद कर रहे हैं, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) लगातार ऊंचे मूल्यों पर मुनाफावसूली कर रहे हैं। सोमवार को भी घरेलू संस्थाओं ने 2610 करोड़ रुपए की शुद्ध बिकवाली की।

तेजी बजट तक जारी रहने के आसार

विश्लेषकों का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था में आ रही तेज रिकवरी से घरेलू और विदेशी निवेशक खासे उत्साहित हैं। अधिकांश कंपनियों के तिमाही नतीजे काफी अच्छे आने की उम्मीद हैं। इसलिए तेजी का यह दौर घट-बढ़ के साथ बजट (Budget) तक जारी रहने के आसार हैं। एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट से निवेशकों को काफी उम्मीदें हैं। बाजार की आगे की दिशा बजट प्रस्तावों से निर्धारित होगी। यदि बजट में सरकार कोविड टैक्स या कोई अन्य टैक्स (Tax) लगाने की घोषणा करती है तो बड़ी गिरावट आ जाएगी। लिहाजा आम निवेशकों को अब सतर्क रहने की जरूरत है।

विश्व स्तर पर जारी तेजी के साथ भारत में भी तेजी आ रही है। अमेरिका में जो बिडेन (Jo Biden) की नई सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद नया राहत पैकेज आएगा। जिससे भारत सहित ईमर्जिंग मार्केट्स में पूंजी प्रवाह और बढ़ेगा। इसी कारण MSCI इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स नवंबर 2007 के उच्च स्तर को पार कर पहली बार बीते शुक्रवार को 1353 अंक पर पहुंचा। अब यदि यह ग्लोबल इंडेक्स पूरे सप्ताह उच्च स्तर पर टिका रहता है तो फिर भारत सहित अन्य एशियाई बाजारों में 10 से 15% की नई रैली आ सकती है। ऐसे में बजट तक निफ्टी 15,000 अंक और सेंसेक्स 51,000 अंक के पार हो सकता है। लेकिन हाल की बड़ी तेजी के बाद जोखिम भी बहुत बढ़ गया है। ऐसे में आम निवेशकों को एग्रेसिव खरीद करने की बजाय अच्छे शेयरों में सलेक्टिव खरीद करनी की नीति अपनानी चाहिए।

-रूस्मिक ओझा, कार्यकारी उपाध्यक्ष, कोटक सिक्युरिटीज

शेयर बाजार में आ रही जोरदार तेजी का सबसे बड़ा कारण भारी विदेशी पूंजी निवेश है। अमेरिका सहित पश्चिमी देशों में ब्याज दरें लगभग जीरो स्तर पर हैं और फेडरल रिजर्व (Fedral Reserve) ने अगले दो साल जीरो ब्याज दर की नीति जारी रखने की घोषणा की है। लिहाजा विदेशी निवेश तो जारी रहने की उम्मीद है, लेकिन मार्च 2020 से अब तक सेंसेक्स में करीब 90% से ज्यादा की रिकार्ड तेजी आने से वैल्यूएशन बहुत महंगा हो गया है। जिससे बाजार में जोखिम भी बढ़ गया है। कभी भी बड़ा करेक्शन संभव है। बजट तक 50,000 अंक के ऊपर टिके रहना मुश्किल लग रहा है। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है और बढ़ते भावों पर मुनाफावसूली भी करते रहना चाहिए। ताकि गिरावट आने पर अच्छे शेयरों में फिर निवेश का मौका मिल सके।

-डॉ. वीके विजयकुमार, मुख्य निवेश रणनीतिकार, जियोजित फाइनेंशियल