‘इन’ वजहों से दिवाली तक बढ़ सकते हैं सूखे मेवे के दाम

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    प्रयागराज :अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने और कोरोना महामारी एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों के चलते अमेरिका से बादाम और पिस्ता का आयात प्रभावित होने से आगामी त्योहारी सीजन खासकर दिवाली तक सूखे मेवे में तेजी का रुख बन सकता है। सूखे मेवे के थोक व्यापारियों को ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध कराने वाली कंपनी ट्रेड ब्रिज के परिचालन प्रमुख स्वप्निल खैरनार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि अफगानिस्तान में हुए घटनाक्रम और अमेरिका आमद घटने से सूखे मेवे में तेजी का रुख बनना शुरू हो गया है।    

    उन्होंने बताया कि देश में अधिकांश बादाम अमेरिका से आयात होता है, जबकि अंजीर अफगानिस्तान से आता है। किशमिश की आधी घरेलू मांग अफगानिस्तान से पूरी होती है। पिछले एक महीने से अफगानिस्तान से सूखे मेवे का आयात लगभग बंद है। हालांकि, काजू का भाव अधिक नहीं चढ़ेगा क्योंकि काजू की ज्यादातर मांग देश के उत्पादन से ही पूरी होती है। खैरनार का मानना है कि आगामी दिवाली पर सूखे मेवे में तेजी का रुख रहने से लोग उपहार में सूखे मेवे देने के बजाय अन्य विकल्प चुन सकते हैं। 

     

    प्रयागराज के चौक स्थित अग्रवाल ड्राई फ्रूट्स कंपनी के स्वामी मधुसूदन अग्रवाल ने हालांकि सूखे मेवे में बहुत अधिक तेजी आने की संभावना यह कहते हुए खारिज कर दी कि अटारी सीमा से अफगान सूखे मेवे का आयात मामूली रूप से प्रभावित हुआ है और अगले 15-20 दिनों में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।

    उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान से आयात होने वाले खड़ा बादाम का फुटकर भाव 800 रुपये प्रति किलो है जोकि पिछले 20 दिनों में 50-60 रुपये बढ़ा है। वहीं अंजीर का भाव 1,000 रुपये से बढ़कर 1,200 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है, जबकि किशमिश 100 रुपये तेजी के साथ 600 रुपये प्रति किलो के भाव है। हालांकि काजू 800 रुपये के भाव पर स्थिर है। (एजेंसी)