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    मुंबई: शेयर बाजार में तीन सत्रों से जारी गिरावट पर बृहस्पतिवार को विराम लगा और मानक सूचकांकों-बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी-दोनों में जोरदार तेजी आयी। वैश्विक बाजारों में मजबूत रुख के बीच निवेशकों ने आईटी, बैंक और वित्तीय शेयरों में लिवाली की। कारोबारियों के अनुसार डॉलर के मुकाबले रुपये में तेजी और बाजार में बड़ी संख्या में आ रहे आईपीओ को लेकर जो उम्मीद है, उससे बाजार में गतिविधियां तेज है। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 638.70 अंक यानी 1.22 प्रतिशत की बढ़त के साथ 52,837.21 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 191.95 अंक यानी 1.23 प्रतिशत उछलकर 15,824.05 अंक पर बंद हुआ।  

    सेंसेक्स के शेयरों में 5.65 प्रतिशत की तेजी के साथ सर्वाधिक लाभ में टेक महिंद्रा का शेयर रहा। इसके अलावा, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल, बजाज फिनसर्व, एल एंड टी, टाटा स्टील, इन्फोसिस और आईसीआईसीआई बैंक में भी प्रमुख रूप से तेजी रही। दूसरी तरफ, एचयूएल में सर्वाधिक 2.27 प्रतिशत की गिरावट आयी। कंपनी का जून तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 10.7 प्रतिशत बढ़कर 2,100 करोड़ रुपये होने की खबर के बावजूद शेयर नीचे आया। इसके अलावा, एशियन पेंट्स, बजाज ऑटो और महिंद्रा एंड महिंद्रा में 1.73 प्रतिशत तक की गिरावट आयी। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से 26 लाभ में जबकि चार नुकसान में रहें। जुलिसए बेयर के कार्यकारी निदेशक मिलिंद मुचाला ने कहा कि वैश्विक स्तर पर सकारात्मक रुख और कंपनियों के 2021-22 की पहली तिमाही के बेहतर परिणामों से घरेलू बाजार में तेजी लौटी। 

    उन्होंने कहा, ‘‘बाजार में स्पष्ट रूप से उन शेयरों में तेजी है, जहां कमाई मजबूत है। इसमें आईटी खासकर मझोली आईटी कंपनियां, सीमेंट और धातु शामिल हैं। या फिर वृद्धि स्थिति बेहतर दिख रही है। इसमें रसायन, स्वास्थ्य क्षेत्र की कंपनियां आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, कई कंपनियों के आईपीओ आ रहे हैं और निवेशकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। इससे संबंधित क्षेत्रों में निवेशकों की रूचि दिख रही है। साथ ही प्रमुख सूचकांक उच्च स्तर पर स्थिर बना हुआ है, मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी काफी भागीदारी देखने को मिल रही है।” जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, ‘‘वैश्विक स्तर पर मजबूत रुख के साथ घरेलू बाजार में जोरदार तेजी आयी। बाजार ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली के तवज्जो नहीं दिया।”

    उन्होंने कहा, ‘‘कंपनियों के बेहतर वित्तीय परिणाम की रिपोर्ट से वैश्विक बाजारों में तेजी रही। निवेशकों की नजर अब यूरोपीय सेंट्रल बैंक की नीतिगत घोषणा पर है। फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक में मुद्रास्फीति दबाव बढ़ने के बावजूद अनुकूल नीतियों को लेकर पुष्टि आगे दिशा के लिये महत्वपूर्ण साबित होगी।” एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई, हांगकांग, सियोल और तोक्यो बढ़त में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी मध्याह्न कारोबार में सकारात्मक रुख रहा। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड एक प्रतिशत की बढ़त के साथ 72.95 पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 15 पैसे मजबूत होकर 74.64 पर बंद हुआ। (एजेंसी)