मुंबई: पूरी दुनिया में महामारी की तरह फ़ैल चुके कोरोना वायरस अब देशो के अर्थव्यस्था पर भी गहरा प्रभाव डालने लगा हैं. भारत समेत तमाम देशों के शेयर मार्केट में भूचाल आगया हैं. गुरुवार को शेयर मार्किट

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मुंबई: पूरी दुनिया में महामारी की तरह फ़ैल चुके कोरोना वायरस अब देशो के अर्थव्यस्था पर भी गहरा प्रभाव डालने लगा हैं. भारत समेत तमाम देशों के शेयर मार्केट में भूचाल आगया हैं. गुरुवार को शेयर मार्किट में इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई हैं. दोपहर तक बीएसइ के सेंसेक्स में 3100 अंको की गिरावट के साथ 32, 572 पर पहुँच गया हैं. वहीँ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 946 अंको की बड़ी गिरावट के साथ 9,512 पर कारोबार कर रहा हैं. 

इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट 
दुनिया भर में फ़ैल चुके कोरोना वायरस के वजह से पूरी दुनिया के शेयर मार्केट में तबाही मची हुई हैं. भारतीय शेयर मार्केट भी इससे अछुता नहीं हैं. मुंबई स्तिथ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स ने अपने इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की हैं. सेंसेक्स 3100.24 अंको की 8.75 प्रतिशत गिरावट के साथ 32, 572.68 अंको पर आगया हैं. वहीँ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी ने भी एक दिन में इतनी बड़ी गिरावट का रिकॉर्ड बनाया हैं. निफ्टी में 946 अंको की 9.05 प्रतिशत की गिरावट के बाद 9,512 तक पहुच गया हैं. 

यह रहा मुख्य कारण 
शेयर बाजार में आए इस भूचाल का मुख्य कारण विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा कोरोना वायरस को विश्वव्यापी महामारी घोषित करने के वजह से हुई हैं. डब्लूएचवो के प्रमुख ने कल बुधवार को कोविड-19 को चुनौती बताते हुए इसे महामारी घोषित कर दिया था.

गिरावट से डूबे 11 लाख करोड़ 
शेयर मार्किट में आए इस गिरावट के वजह से निवेशको के करीब 11 लाख करोड़ रुपए डूब चुके हैं. बुधवार तक जिन कंपनियों के पूंजीकरण 135 लाख करोड़ रुपए थे वह आज 124 करोड़ रुपए पहुँच गये हैं. 

कच्चे तेल ने और गिराया 
कोरोना के साथ साथ कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट ने भी शेयर मार्केट को और बेहाल कर दिया हैं. कच्चे तेल की कीमतों  में पांच फीसदी गिरावट के   साथ 34 डॉलर प्रति बैरल तक पहुँच गया हैं. जिसके वजह से दुनिया भर के बाजार को प्रभावित किया हैं. इस गिरावट के साथ अब  मंदी का डर भी सताने लगा हैं.