Stock market will boom in 2021 too

  • पर सेंसेक्स और निफ्टी में ज्यादा उछाल नहीं आएगा

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मुंबई. कैलेंडर वर्ष 2021 के लिए अपने मार्केट आउटलुक में ब्रोकिंग और रिसर्च हाउस कोटक सिक्युरिटीज (Kotak Securities) ने उम्मीद जताई है कि वर्ष 2020 में जबरदस्त घट-बढ़ और तेजी के बाद नव वर्ष 2021 में निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) में ज्यादा उछाल आने के आसार नहीं है। हालांकि अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी (Fast Recovery) और विदेशी पूंजी प्रवाह जारी रहने से बाजार में तेजी का माहौल बना रहेगा। 

उतार-चढ़ाव के बाद साल के अंत में निफ्टी-50 इंडेक्स 13,500 और बीएसई सेंसेक्स 46,000 के आसपास ही रहेंगे। वर्तमान में निफ्टी 13749 अंक और सेंसेक्स 46973 अंक पर है। कोटक सिक्युरिटीज के मुताबिक, नए साल में बैंक, कैपिटल गुडस, ऑयल एंड गैस , सीमेंट, पावर, मेटल एंड माइनिंग और एफएमसीजी सेक्टर अधिक बेहतर प्रदर्शन करेंगे और इन क्षेत्रों के शेयरों में तेजी आएगी।

इन शेयरों में तेजी के आसार

कोटक सिक्युरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि निवेश के लिहाज से 2021 के लिए आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, फे़डरल बैंक, डीसीबी बैंक, (Banks) एलएंडटी, कल्पतरू पावर (Capital Goods,), अंबुजा सीमेंट, डालमिया सीमेंट (Cement), हिंदुस्तान यूनीलीवर, आईटीसी, ब्रिटानिया (FMCG), सीईएससी, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, (Utilities) एचपीसीएल, पेट्रोनेट एलएनजी, महानगर गैस (Oil & Gas), हिंडाल्को, कोल इंडिया, हिंदुस्तान जिंक (Metal), भारती एयरटेल, इंफोसिस, एसबीआई लाइफ अच्छे प्रतीत हो रहे हैं। 

9.3% पहुंचेगी रियल जीडीपी ग्रोथ

कैलेंडर वर्ष 2021 में एक तो कोविड-19 वैक्सीन मिलनी शुरू हो जाएगी। दूसरी उम्मीद यह है कि आर्थिक गतिविधियां सामान्य हो जाएंगी और ग्रोथ तेज होने लगेगी। हमारा अनुमान है कि मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 के लिए रियल जीडीपी (GDP) की निगेटिव ग्रोथ (-8.6%) रहेगी, लेकिन अगले वित्त वर्ष 2021-22 में तेज रिकवरी आएगी और रियल जीडीपी ग्रोथ 9.3% तक पहुंच जाएगी। हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 में औसत मुद्रास्फीति 4.7% रहेगी, जबकि मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 में यह 6.4% रहेगी।

कंपनियों की बढ़ेगी कमाई

कोटक सिक्युरिटीज का अनुमान है कि निफ्टी-50 सूचकांक की कमाई वित्त वर्ष 2021 में 8%, वित्त वर्ष 2022 में 29% और वित्त वर्ष 2023 में 19% बढ़ेगी। देश की और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोविड महामारी के असर के मद्देनजर वित्त वर्ष 2021 के अनुमान बहुत प्रासंगिक नहीं हैं, जिसका परिणाम कई क्षेत्रों में परिमाण और लाभदेयता, दोनों में तीव्र गिरावट के रूप में होगा। हालांकि वित्त वर्ष 2022 के लिए अनुमान हैं कि ऑटोमोबाइल, बैंक, मेटल और टेलीकॉम सेक्टर में शुद्ध लाभ में अच्छी वृद्धि होगी। यानी इन सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में तेजी आएगी। निफ्टी-50 के लिए हम अपने अपडेटेड फ्री फ्लोट ईपीएस (प्रति शेयर आय) की बात करें तो यह 2021 के लिए 488 रुपए, 2022 के लिए 628 रुपए और 2023 के लिए 746 रुपए अनुमानित है। यह जानना दिलचस्प है कि पिछले पांच वर्षों (वित्त वर्ष 2016-20) में निफ्टी-50 की औसत कमाई दर मात्र 2.6% रही, लेकिन हम अपेक्षा कर रहे हैं कि निफ्टी-50 की औसत कमाई दर वर्ष 2020-23 में 18% के लगभग रहेगी।

स्टॉक केंद्रित बाजार रहेगा

कोटक सिक्युरिटीज के प्रबंध निदेशक जयदीप हंसराज ने कहा कि निफ्टी-50 इंडेक्स का वर्तमान पीई रेशियो (मूल्य/आय अनुपात) 23 के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। जबकि 10 वर्ष का औसत 15.8 का पीई और पिछले साल तेजी के समय अधिकतम 19 का पीई रहा है। इसलिए प्रथम दृष्ट्या वर्तमान में मूल्यांकन बहुत अधिक लग रहा है, ऐसे में गिरावट की संभावना बनती है, लेकिन बाजार की धारणा सकारात्मक है। अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी आ रही है। कंपनियों की कमाई की उम्मीदें बढ़ गई हैं और वैक्सीन भी जल्द उपलब्ध होने की उम्मीद है। भारी विदेशी निवेश आ रहा है। विश्वस्तर पर अधिकांश केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक राहत पैकेज दिए जाने से लिक्विटी बहुत ज्यादा बढ़ गई है। इन कारणों से बाजार ऊंचे स्तरों पर टिक रहा है। ज्यादा गिरावट की आशंका नहीं लग रही है, परंतु अब निफ्टी में ज्यादा तेजी भी नहीं दिख रही है। 2021 में इंडेक्स में इकतरफा तेजी नहीं आएगी बल्कि निवेशक तेज ग्रोथ या टर्नअराउंड स्टोरी वाली कंपनियों पर फोकस करेंगे, जिससे स्टॉक केंद्रित बाजार रहेगा।  

निवेशक लार्जकैप शेयरों पर रखे फोकस

कैलेंडर वर्ष 20 के आरंभ में निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स मूल्यांकन के लिहाज़ से निफ्टी-50 से कम पर ट्रेडिंग कर रहा था, जो कि अब बहुत बढ़ गया है। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स एक साल फॉरवर्ड पीई आधार पर 24 गुना पर ट्रेड कर रहा है। लार्जकैप और मिडकैप में से हम लार्जकैप को तरजीह देते हैं, क्योंकि किसी भी गिरावट में लार्जकैप विदेशी निवेशकों के पसंदीदा बने रहेंगे। इसलिए लार्जकैप में गिरावट कम आएगी। बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स अब भी निफ्टी-50 से नीचे है, क्योंकि बीते दो साल में बाजार से बहुत सारी पूंजी निकाली जा चुकी है। स्मॉलकैप एक सागर जैसा है, कोई भी अच्छी तरह शोध कर के सही कंपनी चुन सकता है।

अगले साल भी आएगा अच्छा विदेशी निवेश

इस कैलेंडर वर्ष में अब तक विदेशी निवेशक (FPI) लगभग 20 अरब डॉलर की भारी राशि भारतीय इक्विटी में निवेश कर चुके हैं और उनके साथ भारतीय खुदरा निवेशकों की भी बड़ी भागीदारी रही। जिससे निफ्टी-50 ने अप्रैल से अब तक 83% का दमदार रिटर्न दिया है। जून तक म्युचुअल फंड विशुद्ध खरीददार बने रहे, किंतु जुलाई से उन्होंने बेचना शुरू कर दिया है। इस कैलेंडर वर्ष में अब तक म्युचुअल फंड (Mutual Funds) भारतीय इक्विटी में लगभग 3.9 अरब डॉलर की बिक्री कर चुके हैं। अमेरिका में कांग्रेस विभाजित है इसलिए अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने का दायित्व फेडरल रिज़र्व पर है। ईसीबी के अतिरिक्त बॉन्ड खरीद कार्यक्रम और बैंक ऑफ जापान द्वारा दिए गए ताज़ा प्रोत्साहन के बाद कैलेंडर वर्ष 2021 में विदेशी निवेशकों की आमद में दोहरे अंकों की वृद्धि देखी जा सकती है। हम आशा कर सकते हैं कि विदेशी निवेश की रेंज वही रहेगी, जो कैलेंडर वर्ष 19 या 20 में रही है यानी 15-20 अरब डॉलर के बीच।

जबरदस्त उतार-चढ़ाव का साल

कैलेंडर वर्ष 2020 में दुनिया भर के शेयर बाजार जबरदस्त उतार-चढ़ाव से गुजरे हैं। निफ्टी-50 जनवरी-मार्च के बीच 40% गिर गया और मार्च की सबसे निचली गिरावट के बाद फिर 83% की जोरदार तेजी के साथ 13777 अंक की नई ऊंचाई छू चुका है। इस साल अब तक निफ्टी ने 13% का रिटर्न दिया है, जो कि एमएससीआई वर्ल्ड इंडेक्स के बराबर है। बीते दो वर्षों से भिन्न, कैलेंडर वर्ष 2020 में व्यापक स्तर पर तेजी आई है। जिसमें मिड और स्मॉलकैप शेयरों की ज्यादा भागीदारी रही है। इस साल अब तक निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स ने क्रमशः 21% और 29% की बढ़त दर्ज की है। वैसे तो लगभग अधिकांश उद्योग क्षेत्रों की कंपनियों के शेयरों में तेजी आई है, लेकिन सबसे ज्यादा तेजी हेल्थकेयर और आईटी शेयरों में आई है। बीएसई हेल्थकेयर 57% और बीएसई आईटी 47% से अधिक बढ़ चुका है।