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    मुंबई. मुंबई  (Mumbai) में कोरोना (Corona) वैक्सीन की दूसरी डोज लेने वालों की संख्या 10 लाख हो गई है। कोरोना वायरस (Coronavirus) को रोकने के लिए केवल वैक्सीन (Vaccine) ही सबसे प्रभावी उपाय है। बीएमसी (BMC) ने 1 जनवरी 17 जून के बीच 3 लाख लोगों का सर्वेक्षण (Survey) कराया था, जिसमें वैक्सीन का केवल दूसरा डोज (Second Dose) ही नहीं, बल्कि पहला डोज भी कोरोना के खिलाफ प्रभावी साबित हो रहा है।

    सर्वे के अनुसार, 3 लाख लोगों में 26 लोग कोरोना की दूसरी वैक्सीन लेने के बाद पॉजिटिव हुए हैं। मुंबई में 1 जनवरी से 17 जून तक लगभग 44 लाख 94 हजार 123 लोगों ने वैक्सीन ली है। इसमें से 23 फीसदी लोग कोरोना पॉजिटिव हुए थे।

     दूसरी लहर में 3.95 लाख नए मरीज मिले थे

    बीएमसी वॉर्ड रुम से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पॉजिटिव होने वाले मरीजों में सबसे अधिक मरीज होम आइसोलेशन में थे। बीएमसी की दूसरी लहर में 3.95 लाख नए मरीज मिले थे। लेकिन इनमें से केवल 3 लाख लोगों का सर्वे किया गया। इसमें ज्यादा मरीज होम आइसोलेशन में थे। जो मरीज अस्पताल में भर्ती थे उनकी इंट्री नहीं किए जाने की जानकारी बीएमसी के एक अधिकारी ने दी।

    कोरोना प्रतिबंधों से लोगों में आक्रोश 

    उधर, राज्य में कोरोना प्रतिबंधों पर भाजपा ने नाराजगी जताई है। सोशल मीडिया में वायरल हुए एक युवक के वीडियों को लेकर भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा कि महाराष्ट्र में पिछले 15 महीनों में तरह-तरह के कड़े प्रतिबंध लगे हैं। इन पाबंदियों का सामना किस तरह किया जाय यह सवाल खड़ा हो गया है। इससे समाज में व्यापक असंतोष है। उपाध्ये ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार कोरोना की तीसरी लहर का आतंक फैलाकर राज्य को सोशल इमरजेंसी की तरफ धकेल रही है।

    नीतिहीन प्रबंधन के कारण युवाओं का भविष्य संकट में

    भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकार परिषद में उपाध्ये ने कहा कि मराठा आरक्षण की विफलता के कारण मराठा समुदाय में असंतोष है।ओबीसी राजनीतिक आरक्षण को बरकरार रखने में सरकार विफल साबित हुई है। नीतिहीन प्रबंधन के कारण युवाओं का भविष्य संकट में है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी वर्गों में राज्य सरकार के खिलाफ भारी असंतोष है। रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ युवक का वीडियो आज महाराष्ट्र के लोगों के बीच गुस्से का इजहार करने वाला  है। किसानों की उपेक्षा, रोजगार के सवाल, छोटे व्यवसाय की समस्या, व्यापारी वर्ग की समस्या आदि से लोगों मानसिकता पर विपरीत असर पड़ रहा है। सरकार के पास लोगों की नाराजगी का सामना करने की हिम्मत नहीं है। इसलिए महाविकास आघाड़ी सरकार तीसरी लहर का आतंक फैलाकर लोगों को घर में रखने की कोशिश कर रही है।