मुंबई में पकड़े गए 1400 बिजली चोर

  • एक साल में चोरों से हुई 8.5 करोड़ की हुई वसूली

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मुंबई. ग्रामीण इलाकों में  बिजली चोरी करने के मामले अब पीछे छूटने लगे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले शहरों में बिजली चोरी के मामले बढ़ने लगे हैं. मुंबई में एक वर्ष के भीतर 1400 बिजली चोरों को पकड़ा गया है जिनसे 8.5 करोड़ रुपये बतौर जुर्माना वसूल किया गया है.

विजलेंस की टीम की टीम ने पकड़ा 

बेस्ट प्रशासन की ओर से वर्ष 2019-20 में बिजली चोरों के खिलाफ की गई कार्रवाई में कुल 1407 लोगों को बिजली चोरी के आरोप में  पकड़ा गया. बिजली चोरी का नुकसान हर समय बेस्ट उपक्रम को सहना पड़ता है. घरेलू बिजली का उपयोग कमर्शियल में किए जाने और अवैध रूप से बनी झोपड़पट्टियों में बिजली चोरी कर घर रोशन किया जाता है. बिजली चोरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बेस्ट की विजलेंस की टीम बनी हुई है. मुंबई में बढ़ते अवैध झोपड़े के बढ़ने के साथ ही बिजली चोरी होने का भी प्रमाण बढ़ा है. बेस्ट प्रशासन बिजली चोरों से 8 करोड़ 51 लाख का दंड भी वसूला है.

धारावी, अंटापहिल में सर्वाधिक चोरी

बिजली चोरी के मामले मुंबई शहर के धारावी, अंटापहिल, कुलाबा के गीता नगर कर्नाक बंदर, दारूखाना आदि इलाको में सर्वाधिक पाए गये हैं. धारावी में तो घरेलू बिजली मीटर का उपयोग प्लास्टिक के उद्योग धंधे में उपयोग किया जाता था. इलाकों में बिजली का उपयोग चौबीसों घंटे किया जा रहा था. वडाला इलाके में 100 से अधिक मामले पकड़े गए. इनमें से ज्यादातर गारमेंट के कारखाने थे जो घरेलू मीटर होने के बाद भी चोरी की बिजली से कारखाने चलाते थे. वडाला के दीधबंधू नगर, संगम नगर, भारतीय कमला नगर में बेस्ट की विजिलेंस टीम ने बिजली चोरी के मामलों का खुलासा किया था. अधिकांश कारखाने किराये पर लेकर चलाए जा रहे थे. लेकिन गिरफ्तारी मकान मालिक की हुई और उनसे जुर्माने की राशि वसूली गई.

पर पिछले साल से कम चोरी  

बेस्ट उपक्रम ने वर्ष 2018-19 में चोरी के कुल 1,695 मामले पकड़े थे, जिसके मुकाबले पिछले साल चोरी के प्रमाण में कुछ कमी जरूर आई है, लेकिन बिजली चोरों के रवैए से बेस्ट को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है.